बंगाल में आने वाले चक्रवात 'यश' को लेकर भारतीय तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) सतर्क है। आइजी एके हरबोला, कमांडर, तटरक्षक बल, उत्तर-पूर्व क्षेत्र ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को इस बाबत आश्वस्त किया है। गौरतलब है कि राज्यपाल की तरफ से तटरक्षक बल से चक्रवात के बाद राहत और बचाव कार्यों को लेकर जानकारी मांगी थी।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में 22 मई को निम्न दबाव की उत्पत्ति होगी, जिसके 24 को साइक्लोन में तब्दील होने के आसार हैं और 26 मई तक इसके बंगाल और ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में पहुंचने की संभावना है। बंगाल व ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में 25 मई से बारिश शुरू हो सकती है। शुरू में हल्की से मध्यम बारिश होगी। जैसे-जैसे साइक्लोन नजदीक आता जाएगा, बारिश बढ़ती जाएगी।
इस चक्रवात को चेतावनी जारी करते हुए राज्य सरकार ने मछुआरों को सतर्क करते हुए उन्हें 23 मई के बाद समुद्र में जाने से मना किया है, क्योंकि उस समय समुद्र काफी अशांत होगा और काफी तेज हवा चलेगी। हालांकि चक्रवात के कारण मानसून के समय से पहले बंगाल पहुंचने की संभावना नहीं है। मानसून मेन लैंड केरल में 31 मई से चार दिन आगे-पीछे दस्तक देगा। इसके बंगाल के पूर्वी तटीय क्षेत्र में पहुंचने में अभी समय है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के तटवर्ती इलाकों में 26 मई को चक्रवाती तूफान आ सकने की मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करें। अधिकारियों ने बताया कि बनर्जी ने एक डिजिटल बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को दवाओं, पेयजल, सूखे भोजन और तिरपाल के पर्याप्त भंडार का प्रबंध करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन बल और पुलिस बल के पर्याप्त कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासनों से मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की हिदायत देने को कहा गया है। बताते चलें कि इससे पहले पिछले साल आए एम्फन चक्रवात में बंगाल में भारी तबाही मचाई थी। लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। ऐसे में राज्य सरकार चक्रवात को लेकर पहले से काफी सतर्क है।

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