नारद मामले में दो मंत्रियों समेत चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल ने काटा बवाल, सीबीआइ दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी

नारद स्टिंग मामले में सोमवार को सीबीआइ की कार्रवाई के बाद बंगाल में राजनीति गरमा गई।‌ राज्य के दो हेवीवेट मंत्रियों, एक विधायक व एक पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के विरोध में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़क पर उतर आए और कोलकाता सहित पूरे राज्य भर में सुबह से ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रहीं।

वहीं, कोलकाता में निजाम पैलेस यानी सीबीआइ दफ्तर के बाहर तो तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा व उत्पात मचाया। यहां तक कि सीबीआइ दफ्तर के बाहर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बलों पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी भी की। इसके कारण कई घंटे तक यहां रणक्षेत्र बना रहा। अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सबसे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सुबह करीब 10:48 बजे निजाम पैलेस में सीबीआइ के दफ्तर पहुंच गईं और छह घंटे तक वहीं बैठी रहीं।  देखते ही देखते सीबीआइ दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं का हुजूम लगना शुरू हो गया। पहले यहां सीबीआइ की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी हुई और कुछ ही देर में हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि यहां पर पत्थरबाजी शुरू हो गई।

इस दौरान केंद्रीय सुरक्षाबलों पर पत्थर, बोतल और अन्य सामान फेंके गए। यहां तक कि तृणमूल कार्यकर्ता ने निजाम पैलेस के मुख्य द्वार पर लगाए गए बैरीकेड को भी तोड़ दिया।जिसके बाद हालात पर काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया। वहीं, बाद में कोलकाता पुलिस ने यहां अलग से भी एक बैरिकेड लगाया। हालांकि दिनभर यहां तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।निजाम पैलेस के बाहर भारी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता शाम तक जमे रहे और सीबीआइ व भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।

हिंसा पर उतारू तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कई बार बैरीकेड को तोड़ने की कोशिश की। इसके चलते सुरक्षा बलों के साथ नोकझोंक का सिलसिला चलता रहा। तृणमूल कार्यकर्ताओं के हुजूम व उपद्रव को देखते हुए बाद में सीबीआइ ने चारों गिरफ्तार नेताओं को वर्चुअल माध्यम से ही कोर्ट में पेशी का निर्णय लिया।इधर, पुलिस पर आरोप है कि राज्य में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बावजूद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जमा होकर उत्पात मचाया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी सीबीआइ कार्यालय के बाहर सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की घटना पर चिंता जताते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। गौरतलब है कि सीबीआइ ने सोमवार सुबह नाटकीय तरीके से राज्य के हेवीवेट मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा व पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया। इसी के बाद बवाल शुरू हुआ। 

गिरफ्तारी के विरोध में फूंका पीएम मोदी का पुतला

गिरफ्तारी के प्रतिवाद में टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न जिलों में दिनभर प्रदर्शन चलता रहा। आसनसोल शहर के आश्रम मोड़ इलाके में प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने सड़क अवरोध कर दिया। इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन करने के साथ ही सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। हुगली जिले के आरामबाग में भी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया।


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