पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब तूणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की चुनौतियां बढ़तीं दिख रहीं हैं। अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के वार झेल रहीं ममता को अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से भी दो-चार होना पड़ेगा। पश्चिम बंगाल में जेडीयू 45 सीटों पर मैदान में है। वहां के चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारकों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं। हालांकि, उनकी चुनावी रैली की घोषणा अभी तक नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि वे जल्दी ही वहां जाएंगे।
विदित हो कि पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक आठ चरणों में मतदान हो रहे हैं। चुनाव परिणाम दो मई को घोषित किया जाएगा। इसके तहत चार चरणों के मतदान हो चुके हैं। पांचवे चरण का चुनाव 17 अप्रैल को है।
पश्चिम बंगाल की 45 सीटों पर मैदान में जेडीयू
जेडीयू पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर मैदान में है। बिहार की सीमा से लगीं इन सीटों पर बिहारी मूल के मतदाताओं का प्रभाव है। पार्टी ने वहां स्थानीय स्तर पर मजबूत वैसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जिन्हें टीएमसी, कांग्रेस व वाम दलों ने टिकट नहीं दिए। जेडीयू के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी को चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। हालांकि, यह भी तथ्य है कि जेडीयू ने कुछ राज्यों छोड़ दें तो बिहार के बाहर चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
पार्टी के स्टार प्रचारकों में सीएम नीतीश शामिल
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान 10 अप्रैल को संपन्न हो चुका है। अभी तक के चुनाव प्रचार के लिए जेडीयू के कई नेता वहां जा चुके हैं। पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, केसी त्यागी, ललन सिंह, रामनाथ ठाकुर, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, संजय झा, संतोष कुशवाहा, चंदेश्वर चंद्रवंशी, गुलाम रसूल बलियावी, कहकशां परवीन, रविंद्र सिंह, अशोक दास, बबलू महतो के नाम शामिल रहे हैं। हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के लिए वहां नहीं गए हैं। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में शेष चार चरणों के मतदान के पहले नीतीश कुमार वहां जनता से रूबरू हो सकते हैं।
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