असम में ONGC कर्मचारियों के अपहरण के मामले में सेना की बड़ी कामयाबी, दो लोगों को बचाया


असम में ओएनजीसी के तीन कर्मचारियों के अपहरण के मामले में सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सेना ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में दो लोगों को बचा लिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, कल रात एक ऑपरेशन में असम राइफल्स के सैनिकों के साथ भारतीय सेना ने मोन के सामान्य क्षेत्र में दो लोगों को बचाया। इस ऑपरेशन में एक एके 47 भी बरामद की गई है। फिलहाल यहां ऑपरेशन चल रहा है।

गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का बुधवार को असम में एक रिग साइट से अज्ञात सशस्त्र उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया गया था। इन कर्मचारियों को असम में शिवसागर जिले के लकवा फील्ड से अगवा किया गया था। असम के शिवसागर जिला स्थित तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का एक अज्ञात उग्रवादी संगठन ने अपहरण कर लिया। अपहृत कर्मचारियों में दो सहायक कनिष्ठ अभियंता (उत्पादन) और एक कनिष्ठ टेक्नीशियन (उत्पादन) शामिल हैं। 

सशस्त्र उग्रवादियों ने कर्मचारियों के अपहरण में ओएनजीसी के वाहन का ही इस्तेमाल किया। वाहन को असम-नगालैंड सीमा के निकट निमनगढ़ के जंगलों के पास छोड़ कर वे कर्मचारियों को लेकर कहीं और चले गए। 

उल्फा का हाथ होने की बात

असम पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उसे सूचना मिली है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ओएनजीसी के तीन कर्मचारियों के अपहरण में उल्फा (इंडिपेंडेंट) का हाथ है और इस संबंध में अभी तक संगठन से जुड़े 14 सदस्यों और उससे हमदर्दी रखने वालों को गिरफ्तार किया गया है। असम के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन लोगों को एक एम्बुलेंस में ले जाया गया। असम पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पुष्ट सूचना है कि अपहरण उल्फा (आई) ने संगठन के स्वयं-भू मेजर गणेश लाहौन, पूरम लाहौन और उसके साथियों आद्यामाल असोम, मनीराम के कहने पर किया है।

पुलिस ने कहा कि कर्मचारियों को कोई नुकसान पहुंचे बगैर उन्हें सुरक्षित लाने का प्रयास किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए 14 लोगों ने कथित रूप से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से उल्फा (आई) की मदद की है। अपर असम के सभी 10 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित ओआईएल और ओएनजीसी इकाई की सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा गया है, खास तौर से सुदूर इलाकों में स्थित संयंत्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।


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