तृणमूल कार्यकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई की योजना संबंधी आरोप झूठे: निर्वाचन आयोग

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदान से पहले उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की चुनाव पर्यवेक्षकों की शह पर योजना बनाये जाने संबंधी आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद निर्वाचन आयोग ने इन्हें पूरी तरह निराधार और गलत बताया। आयोग ने कहा कि उसने अपने किसी भी अधिकारी या पर्यवेक्षक को किसी भी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश नहीं दिया है।

आयोग ने एक बयान जारी कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘आरोपों’ को लेकर खबर दी है जिसमें कहा गया है कि निवार्चन आयोग के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को ‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडो’ को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया, ‘आयोग के किसी अधिकारी या पर्यवेक्षक के नाम पर इस तरह का बयान दिया जाना निश्चित तौर पर पूरी तरह आधारहीन, झूठा और भ्रमित करने  वाला है। किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई का कोई निर्देश किसी भी पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी या आयोग के अधिकारी को नहीं दिया गया है।’


उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग के तीन विशेष पर्यवेक्षक मतदान से पहले तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के आदेश पुलिस अधिकारियों को दे रहे थे। 

उन्होंने कहा कि इस तरह के षड्यंत्रों के विरूद्ध चुनाव के बाद वह उच्चतम न्यायालय जाएंगी। बनर्जी ने आयोग पर पक्षपात करने का कई बार आरोप लगाया था लेकिन आयोग ने इन आरोपों का खंडन किया है। बंगाल में सातवें चरण का मतदान सोमवार को होगा और आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा।


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