देवाधिदेव महादेव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण दिन महादिशवरात्रि को एक दिन शेष हैं। मंदिरों में तैयारी चल रही है। इस बीच हम आपको एक ऐसे शिवलिंग का दर्शन करा रहे हैं जो अद्भुत है। गया शहर के उत्तर भाग में स्थित रामशिला पहाड़ की तलहटी में देवाधिदेव का यह शिवलिंग खास इसलिए कि यह स्फटिक (Rhinestone) का बना है। दावा है कि ऐसा शिवलिंग देशभर में बस तीन ही स्थानों पर है।
टिकारी के राजा ने की थी इस शिवलिंग की स्थापना
शिवलिंग के संबंध में मंदिर के पुरोहित दीप नारायण पांडेय का कहना है कि शिवलिंग का इतिहास काफी प्राचीन है। मंदिर का निर्माण टेकारी महाराज कैप्टन गोपाल शरण सिंह ने कराया था। लेकिन शिवलिंग के बारे में कोई भी व्यक्ति स्पष्ट रूप से नहीं बताता है। लेकिन यह माना जाता है कि टिकारी राजा ने ही स्फटिक के शिवलिंग और मूंगा के गणपति की स्थापना यहां की थी।किवदंती यह भी है कि भगवान श्री राम अपने पिता राजा दशरथ के पिंडदान के लिए गया धाम आए थे। यहां राम कुंड में स्नान कर उन्होंने स्फटिक शिवलिंग की स्थापना एवं पूजा की थी क्योंकि मंदिर के पास रामकुंड एवं रामशिला पर्वत स्थित है।
देश में तीन स्थानों पर ही स्फटिक शिवलिंग होने का दावा
मंदिर के पुजारी का दावा है कि ऐसा अद्भुत शिवलिंग देश में तीन ही स्थान पर स्थापित है। रामेश्वरम, जम्मू स्थित रघुनाथ मंदिर के बाद तीसरा शिवलिंग यहीं है। मंदिर में स्फटिक शिवलिंग के अलावा मूंगा (Coral) पत्थर का गणपति का प्रतिमा भी विराजमान है। जो अपने आप में अद्भुत है। प्रतिमा पूरी तरह से लाल है। आकार भी बड़ा है। जहां श्रद्धालु शिवलिंग के पूजा के साथ साथ भगवान गणपति की भी पूजा-अर्चना करते हैं।यहां महाशिवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। शिवलिंग में पूरा शिव परिवार स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। इस कारण दूर-दूर से यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर की आकर्षक तरीके से सजावट की जा रही है। बसंती गेंदा से इसे सजाया जा रहा है।
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