-डीएम की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के कार्यों से संबंधित बैठक का आयोजन की गई।
युवा शक्ति संवाददाता
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गया।डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के कार्यों से संबंधित बैठक का आयोजन समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को की गई। बैठक में मुख्य रूप से विद्यालयों में ड्रॉपआउट रोकने एवं विद्यालयों में छात्रों के नामांकन की संख्या बढ़ाने, सिविल वर्क की समीक्षा एवं विद्यालयों में शिक्षकों का फोटो लगाने सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर समीक्षा की गई।
बैठक में डीएम द्वारा चिंता व्यक्त की गई कि विद्यालयों से ड्रॉपआउट की समस्या से निपटने हेतु कारगर कार्रवाई किए जाएं।डीएम ने ड्रॉपआउट रोकने के लिए विद्यालय के शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं पदाधिकारी के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि अभिभावक को समझाया जाए कि उनके बच्चे नामांकन के बाद विद्यालय अवश्य जाएं। अगर बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं तो शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक का यह दायित्व है कि वह अभिभावकों को ससमय सूचित करें।
विद्यालयों में नामांकित बच्चे में से 16-17% ड्रॉपआउट की समस्या आ रही है। उन्होंने बैठक में उपस्थित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि एक-एक छात्र को खोजें और उन्हें स्कूल भेजें। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की यह जवाबदेही है कि छात्रों के नामांकन के अनुसार उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें। विद्यालय के प्रधानाध्यापक की भी यह जवाबदेही है कि विद्यालयों में शिक्षा के माहौल एवं संस्कृति में गुणवत्तापूर्ण सुधार लावें। उन्होंने कहा कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण कर नामांकित बच्चों की संख्या एवं उपस्थिति की खोज खबर लें। साथ ही यह पता करें कि परीक्षा पास करने के बाद अगले वर्ग में उक्त छात्र द्वारा कहीं नामांकन कराया गया है अथवा नहीं। अगर नामांकन नहीं कराया गया है तो अभिभावक को नामांकन हेतु प्रेरित करें।उन्होंने निदेश दिया कि ड्रॉपआउट होने वाले छात्रों का पता लगाकर उन्हें पुनः स्कूल लावे। मार्च माह में आयोजित मासिक बैठक में इसकी विस्तार से समीक्षा की जाएगी।
शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए निदेश के आलोक में डीएम ने निदेश दिया कि 15 फरवरी के बाद से जिन शिक्षकों का फोटो विद्यालय में नहीं लगेगा, वे उस विद्यालय के शिक्षक नहीं माने जाएंगे। साथ ही उनका वेतन भी लंबित रहेगा। सिविल वर्क की समीक्षा के क्रम में उन्होंने निदेश दिया की प्रतिवेदन में शीर्षबार किए गए कार्यों की भौतिक स्थिति के साथ-साथ वित्तीय व्यय को भी दिखलाना सुनिश्चित करें। अगर राशि लौटती है तो उसका कारण बताना भी अनिवार्य होगा।
डीएम ने कहा कि फरवरी-मार्च का महीना शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।इसे समझते हुए विभाग के सभी पदाधिकारी, शिक्षक, प्रधानाध्यापक कार्य करें।बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीओ स्थापना, सर्वशिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा सहित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थें।
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