Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में मुर्शिदाबाद के खड़ग्राम विधानसभा सीट पर लड़ाई रही है काफी दिलचस्प

बांग्लादेश की सीमा से सटे मुर्शिदाबाद जिले की खड़ग्राम विधानसभा सीट पर माकपा छह तो कांग्रेस उम्मीदवार पांच दफा जीत दर्ज की थी। 2016 में कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन ने तृणमूल को और 2011 में माकपा को हराया था। 2006 में माकपा ने कांग्रेस को हराकर जीत दर्ज की थी। भाजपा की बात करें तो 2016 में तीसरे, 2011 में भी तीसरे स्थान पर थी। हालांकि, 2011 की अपेक्षा 2016 में भाजपा का वोट फीसद बढ़ा था।

2016 विधानसभा चुनाव में 241 बूथ पर 161985 वोट पड़े थे। यहां कुल 204103 मतदाता थे। इसमें 51.84 फीसद पुरुष और 41.16 फीसद महिला वोटर थीं। खड़ग्राम में स्वास्थ्य की बात करें तो कोई ठीक अस्पताल नहीं हैं, जो सरकारी अस्पताल हैं भी, उनमें बेहतर सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा और रोजगार जैसी अन्य समस्याएं हैं। सड़कों का हाल-बेहाल है। सड़कें इतनी बदतर हैं कि चलना दूभर है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चुनाव के समय ही यहां कि समस्याएं नेताओं को याद आती हैं।

मुर्शिदाबाद में कई जगहों पर अधीर चौधरी के भाजपा में शामिल होने के लगे पोस्टर, अटकलों का बाजार गर्म

-बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न दलों के नेताओं के पाला बदलने का खेल लगातार जारी है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व बहरमपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी के अपने गृह जिले मुर्शिदाबाद में कई जगहों पर भाजपा में शामिल होने के पोस्टर देखे जा रहे हैं, जिसके बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म है।

जानकारी के मुताबिक, मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और डोमकल में 50 से ज्यादा पोस्टर देखे गए हैं। इसको लेकर इलाके में अशांति के साथ राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने जहां इसे विरोधियों की साजिश बताया है। वहीं, भाजपा का कहना है कि सत्तारूढ़ तृणमूल भाजपा के डर से यह गंदा खेल खेल रही है। दूसरी ओर तृणमूल का कहना है कि इससे पार्टी का कोई लेन-देन नहीं। हालांकि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर चौधरी ने अभी तक इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष गौरीशंकर घोष ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल, भाजपा के डर से यह गंदा खेल खेल रही है।

वहीं, तृणमूल के जिला अध्यक्ष अबू ताहेर ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि तृणमूल इस तरह के गंदे खेल में शामिल नहीं है। असली जानकारी पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगी। बताते चलें कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में जबर्दस्त सियासी घमासान मचा है। हाल में तृणमूल के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।

तृणमूल के अलावा कांग्रेस व माकपा के नेता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। दिसंबर और जनवरी में तृणमूल से दो दिग्गज नेताओं पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी और राजीब बनर्जी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं, सुवेंदु के साथ छह अन्य तृणमूल विधायकों एवं एक लोकसभा सांसद ने भी 19 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, राजीब बनर्जी के साथ हाल में हावड़ा के बाली से तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया और हुगली के उत्तरपाड़ा से विधायक प्रबीर घोषाल ने भाजपा का दामन थामा था। वहीं, अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी के कथित रूप से पाला बदलने की चर्चा से यहां का सियासी माहौल और गरमा गया है। 

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