पलक झपकते दुश्मनों के टैंक को तबाह कर देगी भारत की हेलिना मिसाइल

 


नई दिल्लीः भारत-चीन तनाव और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों के बीच भारतीय सेना और वायुसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए तमाम नए हथियार और उपकरण को अपने जखीरे में शामिल कर रही है। आज का नया भारत, आत्मनिर्भर भारत है, जो दुश्मनों का सामना करने और उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किसी की मदद का इंतजार नहीं करता। अपनी ताकत बढ़ाने के लिए भारत एक के बाद एक लगातार नए और सफल प्रयोग कर रहा है

इसी कड़ी में सेना और वायुसेना ने शुक्रवार को 4 हेलिना एंटी टैंक मिसाइल का परीक्षण किया. हेलीकॉप्टर ध्रुव से इस मिसाइल का सटीक टेस्ट किया गया। राजस्थान के पोखरण में हुए परीक्षण में हेलीना मिसाइल अपने टारगेट पर हमला करने में 100 फीसदी सफल साबित हुई है. यह मिसाइल किसी भी समय टारगेट पर अटैक करने में सक्षम है। 

4 हेलिना एंटी-टैंक मिसाइलों का परीक्षण 7 किलोमीटर के न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइल की क्षमता को आंकने के लिए किया गया था।सफल परीक्षण के बाद यह मिसाइल अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस एंटी-टैंक मिसाइल का कई दिनों से परीक्षण चल रहा था। आज इसका परीक्षण पूरा हुआ. डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि इस परीक्षण में एक पुराने टैंक को टारगेट पर रखा गया था। टेस्ट में हेलिना ने शानदार प्रदर्शन किया और टैंक को पलक झपकते तबाह कर दिया।  यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है. इसे डीआरडीओ ने ही विकसित किया है

 हेलीना मिसाइल एक तीसरी पीढ़ी का एंटी-टैंक हथियार है, जिसमें इन्फ्रा-रेड सीकर, फायर एंड फर्गट फीचर्स हैं। इसकी तुलना चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायर गाइडेड एचजे-8 और पाकिस्तान द्वारा बनाई गई लेजर गाइडेड मिसाइल बार्क से होती है।

हेलीना मिसाइल में किसी भी मौसम में कभी भी दिन या रात में दुश्मन देशों के टारगेट पर हमला करने की क्षमता है। इस मिसाइल के जरिए से टारगेट पर डायरेक्ट हिट और टॉप अटैक मोड, दोनों से हमला किया जा सकता है। मिसाइल के भारतीय वायुसेना के वर्जन को ध्रुवस्त्र कहा जाता है। 

इससे पहले, फरवरी 2019 में ओडिशा के तट पर हेलीना मिसाइल की सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई थी।

बता दें कि भारत इस साल अस्त्र मार्क-2 मिसाइल का परीक्षण करेगा. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र की रफ्तार ध्वनि की गति से भी चार गुना तेज है। इस मिसाइल की रेंज 160 किलोमीटर है. जबकि ये मिसाइल बिजिबल रेंज से बाहर भी दुश्मन को आसानी से निशाना बन सकती है. न्यूज एजेंसी एएनआई को वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि अस्त्र मिसाइल का परीक्षण इस समय के मध्य तक शुरू हो सकता है। परीक्षण सफल होने के बाद यह मिसाइल पूरी तरह से वर्ष 2022 के अंत तक भारतीय वायुसेना में ऑपरेशनल हो सकती है।


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