भाजपा राजनीति के लिये भगवान राम के नाम को सड़कों पर घसीट रही है : हकीम


बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने भाजपा पर राजनीतिक उद्देश्य के लिये भगवान राम का नाम जपने का आरोप लगाया और कहा कि भगवा पार्टी “भाड़े के सैनिकों” से राज्य का चुनाव नहीं जीत सकती। 

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता हकीम ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि किसी को ताना मारने या फिर राजनीतिक फायदे के लिये भगवान राम के नाम का इस्तेमाल करना बेहद गरिमाहीन है। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “कहीं भी और हर जगह ही जय श्री राम जपना भगवान राम के नाम को सड़कों पर घसीटने जैसा है और यह पूर्णत: मर्यादाहीन है।” हकीम ने कहा, “भगवान का नाम जपने को लेकर विरोध करने की कोई बात नहीं है। लेकिन लोगों को यह ऐहसास होगा कि भाजपा धर्म और भगवान राम को उचित सम्मान नहीं दे रही।”

सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती का समारोह राज्य में बेहद कड़वाहट के साथ खत्म हुआ जब विक्टोरिया मेमोरियल पर आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ के मुख्य समारोह में ‘जय श्री राम’ के नारे लगने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना भाषण देने से इन्कार कर दिया। टीएमसी ने बनर्जी के साथ हुए “निंदनीय व्यवहार” पर कार्यक्रम में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की भी निंदा की।

टीएमसी नेता और ब्रत्य बसु ने कहा था कि यह घटना कुछ लोगों की “गलत मानसिकता” को दर्शाती है। विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा द्वारा टीएमसी कार्यकर्ताओं को अपने पाले में खींचने से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा कि “भाड़े के सैनिकों” से भगवा पार्टी आगामी चुनाव नहीं जीत सकती। भाजपा नेता सोवन चटर्जी के डायमंड हार्बर में पार्टी के कुछ नेताओं के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। यह विधानसभा क्षेत्र ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की है। बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। 

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