नौ महीने बाद खुला हावड़ा का क्षेत्रीय रेल म्यूजियम, आगंतुकों को इन नियमों का करना होगा पालन


कोरोना महामारी के चलते पिछले नौ महीने से ज्यादा समय से बंद हावड़ा स्थित क्षेत्रीय रेल म्यूजियम आखिरकार रविवार से फिर से खुल गया। कोविड-19 संक्रमण के चलते मार्च के तीसरे हफ्ते से ही यह म्यूजियम बंद था। वहीं, अब पूर्व रेलवे ने भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन के साथ त्योहारी सीजन में पर्यटकों के लिए इस म्यूजियम को खोला है।

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश

 पूर्व रेलवे की ओर से रविवार को जारी एक बयान में बताया गया कोविड-19 के मद्देनजर म्यूजियम में प्रवेश से पहले आगंतुकों को सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत मास्क पहनना शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए हैंड सैनेटाइजर रखना अनिवार्य होगा। रेल म्यूजियम को खोलने से पहले पूर्व रेलवे की ओर से इसे पूरी तरह से सैनिटाइज्ड किया गया है। म्यूजियम के अंदर हॉल ऑफ फेम और हावड़ा स्टेशन बिल्डिंग की प्रतिकृति सहित कुछ क्षेत्र होंगे जहां दर्शकों की संख्याओं से प्रतिबंधित किया जाएगा। क्षेत्रीय रेल म्यूजियम का प्रवेश शुल्क एक समान रहेगा। 

उल्लेखनीय है कि हावड़ा स्थित क्षेत्रीय रेल संग्रहालय पूर्वी भारत में रेल परिवहन के इतिहास और विरासत की गवाही देता है। इसमें देश के पूर्वी भाग में रेलवे प्रणाली के विकास और विकास को दर्शाया गया है। यह ईस्ट इंडियन रेलवे, ईस्टर्न रेलवे, ईस्ट सेंट्रल रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, साउथ ईस्टर्न रेलवे, चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स और मेट्रो रेलवे, कोलकाता के सचित्र इतिहास को बयां करता है। साथ ही विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से रेलवे की विरासत को उजागर करता है और पुरानी से आधुनिकता तक के विकास का पता लगाता है। शताब्दी पुराने चित्र, रूप, दस्तावेज और आकर्षक रूप से आकर्षक संग्रह, 150 साल पुराने स्टीम लोको, कैरिज, सैलून कार, ट्रेन आदि पूर्वी भारत में पुरानी रेलवे प्रणाली को इसमें दिखाया गया है। करीब 4.5 एकड़ क्षेत्र में फैले इस म्यूजियम में 150 साल पुराने स्टिम लोको, सैलून कार, कैरिज, ट्रेन की झलक देखने को मिलती है।  


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