32 लाख निवेशकों को लगाया 6380 करोड़ का चूना, चिटफंड कंपनी के 3 प्रमोटर गिरफ्तार



प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दक्षिण भारत स्थित एक कंपनी के तीन प्रमोटर्स को गिरफ्तार कर लिया है. एग्री गोल्ड नाम की इस चिटफंड कंपनी ने कथित रूप से पोंजी स्कीम के द्वारा लाखों निवेशकों से करीब 6,380 करोड़ की ठगी की है. 

ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन प्रमोटर्स में ए वेंकट रामाराव, ए वेंकट एस नारायण राव और ए हेमा सुंदरा वरा प्रसाद शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार ये लोग 'मुख्य आरोपी हैं और मनी लॉड्रिंग में लिप्त होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है. 

उन्हें प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत मंगलवार को ​गिरफ्तार किया और हैदराबाद की एक विशेष अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 

कई ठिकानों पर छापा 

ईडी ने तीनों प्रमोटर्स और कंपनी के ऑडिटर के विजयवाड़ा और हैदराबाद स्थित कई ठिकानों पर छापा मारकर करीब 22 लाख रुपये की नकदी, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी बरामद किये हैं. 

इन आरोपियों के खिलाफ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कई एफआईआर दर्ज किये गये थे. इनमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 32 लाख निवेशकों से जुटाया 6,380 करोड़ रुपये का फंड दबा लिया है और निवेशक ठगे महसूस कर रहे हैं. 

कैसे हुई ठगी 

कंपनी के पोंजी स्कीम में ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, अंडमान एवं निकोबार और छत्तीसगढ़ तक के लोगों ने निवेश किया था. ईडी ने बताया है, 'इस घोटाले का सूत्रधार ए वेंकट रामाराव है जिसने एग्री गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के द्वारा यह काम किया. पहले वह गोल्डेन फॉरेस्ट कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम के लिए काम कर चुका था और वहां से उसने ऐसी स्कीम के द्वारा जालसाजी के गुर सीखे. उसने पूरी तरह से सुनियोजित साजिश रची है.' 

ईडी के अनुसार उसने अपने सात भाइयों और सहयोगियों की मदद से 150 से ज्यादा कंपनियों का गठन किया और आम जनता से पैसा जमा करना शुरू किया. इसमें लोगों को यह आक​र्षक ऑफर दिया गया कि मेच्योरिटी पर उन्हें प्लॉट या कृषि भूमि या ऊंचे रिटर्न के साथ पैसा मिल जाएगा. 


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