आगामी 11 नवंबर से लोकल ट्रेनें चलने की घोषणा से निजी बस मालिक संगठन बेहद खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे बस यात्रियों की संख्या में भी अच्छा-खासा इजाफा होगा, जिससे उन्हें हो रहे नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।
ज्वाइंट काउंसिल आफ बस सिंडिकेट्स के संयुक्त सचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'ट्रेनें चलने से हावड़ा और सियालदह स्टेशनों पर लोग पहुंचेंगे और वहां से बसों से गंतव्य स्थलों पर जाएंगे। इससे हमारे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। वर्तमान में कोलकाता व आसपास हमारे संगठन की 4,000 बसें चल रही हैं। ट्रेनें चलने से यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा, जिसके कारण हमें बसों की संख्या भी करीब एक हजार बढ़ानी पड़ जाएगी।
आगामी 11 नवंबर से लोकल ट्रेनें चलने की घोषणा से निजी बस मालिक संगठन बेहद खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे बस यात्रियों की संख्या में भी अच्छा-खासा इजाफा होगा, जिससे उन्हें हो रहे नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी। बनर्जी ने हालांकि आगे यह भी कहा कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाएंगे, स्कूल-कॉलेज-ऑफिस पहले की तरह खुल नहीं जाएंगे, तब तक निजी बस सेक्टर भी पूरी तरह से उबर नहीं पाएगा।'
वहीं वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा- 'कोरोना महामारी से पहले हावड़ा व सियालदह स्टेशनों से 20 से 25 लाख लोग कोलकाता आया जाया करते थे। लोकल ट्रेनें चलने के बाद अगर 20 लाख लोग भी आवागमन करेंगे तो हमें बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ानी पड़ेगी।
फिलहाल 35 से 40 फीसद बसे चल रही हैं जिसे बढ़ाकर 80 से 100 फीसद करनी पड़ेगी। लोकल ट्रेनें चलने से हमारे वे बस कर्मी भी कोलकाता आकर काम कर सकेंगे, जो जिलों में रहते हैं।
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