चीन ने कहा- वुहान में पहला संक्रमित मिलने का मतलब यह नहीं कि कोरोना वायरस वहीं पैदा हुआ


कोरोना वायरस के पैदा होने की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की जांच शुरू होने से ऐन पहले चीन ने फिर से झूठ को दुनिया पर थोपने की कोशिश की है। कहा कि वुहान में कोरोना वायरस का पहला मरीज प्रकाश में आने का मतलब यह नहीं कि वहां पर ही कोरोना वायरस पैदा हुआ है। संभव है कि आयात की जाने वाली खाद्य सामग्री के जरिये यह चीन आया हो और फिर यहां पर फैल गया हो। उदाहरण के लिए भारत से चीन आए मछली के पैक पर कुछ हफ्ते पहले कोरोना वायरस मिला था।

चीन का सरकार नियंत्रित मीडिया कोरोना वायरस पैदा होने को लेकर दुष्प्रचार में जुट गया है। अब वह वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने की सच्चाई को पलटने की कोशिश में जुटा है। साल भर पहले वुहान के वायरॉलॉजी संस्थान या मांस बाजार से कोरोना वायरस फैला था। इसके बाद उसका प्रसार पूरी दुनिया में हुआ। चीन ने कई हफ्ते पहले इस सच्चाई को नकारने की भूमिका बनानी शुरू की। अब वह अपने मीडिया के जरिये जोर-शोर से यह झूठ प्रचारित करने में जुट गया है कि कोरोना वायरस किसी अन्य देश में पैदा हुआ और वहां से चीन आया।

विदेश मंत्रालय ने कहा- यह जरूरी नहीं कि वायरस चीन में पैदा हुआ हो

चीन के विदेश मंत्रालय ने भी शुक्रवार इस झूठी चर्चा पर अपनी मुहर लगा दी। प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, चीन में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला मिला, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वायरस यहीं पर पैदा हुआ हो। वायरस किसी अन्य देश में पैदा होकर चीन आ भी सकता है।

वायरस का पैदा होना एक जटिल वैज्ञानिक प्रक्रिया है

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, वायरस का पैदा होना एक जटिल वैज्ञानिक प्रक्रिया है। इसकी पैदाइश की जांच प्रक्रिया में वैज्ञानिकों को शामिल कर कई देशों और क्षेत्रों में जांच होनी चाहिए। विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान डब्ल्यूएचओ के जांच दल के चीन पहुंचने से ठीक पहले आया है। इस दल को वायरस के पैदा होने की जांच शुरू करनी है। हालांकि चीन सरकार ने जांच के सिलसिले में कोई समयसीमा अभी तय नहीं की है।


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