बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2020) के तीसरे और अंतिम चरण के तहत 78 विधानसभा क्षेत्रों में शनिवार को मतदान होगा, जहां सभी निगाहे राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी महागबंधन (Mahagathbandhan) के बीच कांटे के मुकाबले पर टिकी हैं। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीसरे और अंतिम चरण में जिन 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होना हैं, वे 15 जिलों में स्थित हैं और यहां शनिवार को होने वाले मतदान में करीब 2.34 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस चरण में विधानसभा के स्पीकर और राज्य मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों समेत 1204 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस आखिरी चरण के मतदान में सबकी नजरें पप्पू यादव और ओवैसी के प्रभाव वाले क्षेत्र पर लगी हैं।
विधानसभा के अलावा शनिवार को वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी वोट पड़ेंगे। इस सीट पर जदयू सांसद वैद्यनाथ महतों के निधन के कारण उपचुनाव कराया जा रहा है। इस संसदीय सीट पर अपना कब्जा बनाये रखने के प्रयास के तहत जदयू ने दिवंगत वैद्यनाथ महतों के पुत्र सुनील कुमार को टिकट दिया है। सुनील कुमार का मुख्य मुकाबला कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार और पत्रकारिता से राजनीति में आए प्रवेश कुमार मिश्रा से हैं।
सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी का प्रभाव
वाल्मीकिनगर की तरह ही जिन 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होने वाले हैं, उनमें से काफी सीटें उत्तर बिहार (North Bihar) में और राज्य में गंगा नदी के उत्तर में स्थित हैं। इनमें से कई सीटें कोसी-सीमांचल क्षेत्र में स्थित है जहां एनडीए और महागठबंधन की लड़ाई में एआईएमआईएम (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। हैदराबाद के सांसद ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी वाले इस इलाकों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं और सघन चुनाव प्रचार किया है।
दरअसल, सीमांचल में मुस्लिम वोटरों की तादाद काफी ज्यादा है। अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिमों की आबादी 55 फीसदी से ज्यादा है। बीजेपी के लिए यह इलाका अभी तक बंजर ही रहा है। ऐसे में इन इलाकों में योगी आदित्यनाथ बीजेपी और एनडीए के पक्ष में जमकर प्रचार किया। कटिहार में आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर एनडीए की सरकार बनी तो इस समस्या का समाधान होगा। वहीं, ओवैसी मुस्लिमों को अपने पक्ष में करने के लिए NRC का जमकर विरोध कर रहे हैं। महागठबंधन के नेता लगातार बयान दे रहे थे कि उनकी सरकार आई तो बिहार में NRC लागू नहीं होगा।
कोसी क्षेत्र में पप्पू यादव का प्रभाव
कोसी सीमांचल क्षेत्र पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) के प्रभाव का इलाका भी माना जाता है, जहां यादव समुदाय की अच्छी खासी संख्या है। पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पूरा जोर लगा रही है और राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के समक्ष यह साबित करने का प्रयास कर रही है कि उसे यादवों का समर्थन प्राप्त है।
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