उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल में इनवेस्टर्स समिट के दौरान और अन्य तरह के 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए और अब करीब 43 फीसदी परियोजनाएं अमल में हैं. यही नहीं, कोरोना संकट के दौरान भी यूपी में 45,000 करोड़ रुपये का नया निवेश प्रस्ताव आया है. यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने यह जानकारी दी है.
सतीश महाना ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस प्रकार पिछले दो साल में मिलने वाले निवेश प्रस्तावों में से अब लगभग 1.89 लाख करोड़ रुपये का निवेश सक्रिय चरणों के अधीन है यानी अमल में है. वित्त वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा 1.96 लाख रोजगार के अवसरों की संभावना वाली लगभग 9,700 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं हेतु 1,000 से अधिक भूखंडों का आवंटन किया गया है.
10 देशों की कंपनियों से निवेश प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि यूपी में कोरोना संकट के दौरान निवेश से जुड़े आंकड़े राहत देने वाले हैं. राज्य सरकार ने 40 से अधिक नए निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है. इनमें जापान, अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि 10 देशों की कंपनियों से लगभग 45,000 करोड़ रुपये के निवेश-प्रस्ताव मिले हैं.
औद्योगिक विकास विभाग के अनुसार, कोविड-19 महामारी के दौरान यूपी में लगभग 8,500 करोड़ रुपये के निवेश वाली 7 परियोजनाओं में वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो गया है, जबकि लगभग 6,400 करोड़ रुपये के निवेश की 19 परियोजनाएं सक्रिय कार्यान्वयन के अधीन हैं.
पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संयोजक मनीष खेमका ने कहा, 'अभी तक जहां भी इस प्रकार के एमओयू हुए हैं उनमें से 12 से 15 फीसदी ही कारगर रूप ले पाते हैं, लेकिन यूपी में इसका 43 फीसदी तक पहुंच जाना वाकई एक बड़ी सफलता है. इसके लिए निश्चित रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उद्योग मंत्री सतीश महाना बधाई के पात्र हैं.'
चीन से यूपी आया सैमसंग
यूपी के उद्योग मंत्री ने बताया कि दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग यूपी में मोबाइल डिस्प्ले यूनिट का कारखाना लगा रहा है. उल्लेखनीय यह है कि सैमसंग ने यह प्लांट चीन से हटाकर भारत के उत्तर प्रदेश में लगाने का निर्णय लिया है.
हर इलाके में उद्योग
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नए बाजार के रुझानों के अनुसार नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए कारगर कदम उठा रही है. डिफेंस काॅरीडोर के तहत अलीगढ़ में समस्त भूमि आवंटित की जा चुकी है. ग्रेटर नोएडा में 5,000 हेक्टेयर में विकसित किया जाने वाला जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा.
सतीश महाना ने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के 350 एकड़ में डेडिकेटेड मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी के साथ एमओयू किया गया है. इसके अलावा मिर्जापुर, देवरिया, बलरामपुर, बस्ती जैसे पूर्वांचल के पिछड़े जिलों में भी उद्योग लगाये जा रहे हैं.
इन कंपनियों को मिली जमीन
सतीश महाना ने बताया कि कुछ प्रमुख निवेशक जिन्हें हाल ही में भूमि आवंटित की गई है, उनमें हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नोलॉजीज आदि सम्मिलित हैं.
यूपी में आ रहे प्रमुख निवेश
सतीश महाना ने बताया कि यूपी में लगने वाले प्रमुख कारखाने और निवेश प्रोजेक्ट इस प्रकार हैं:
हीरानंदानी ग्रुप द्वारा डेटा सेंटर में 750 करोड़ रुपये का निवेश
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में 300 करोड़ रुपये का निवेश
एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़ रुपये निवेश
डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ रुपये का निवेश
वॉन वेलेक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपये का निवेश
सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्रा. लि. द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज़्ड फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ रुपये का निवेश
मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़ रुपये का निवेश
एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में 746 करोड़ रुपये का निवेश
एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में 750 करोड़ रुपये का निवेश
याज़ाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस तथा कम्पोनेंट्स में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश
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