घरेलू पर्यटन से ही अब सबको आस; पर्यटकों में विश्वास बहाली की कोशिशें शुरू, कई राज्‍यों ने की खास व्‍यवस्‍था

दुनियाभर में कोरोना संकट के बीच विदेशी पर्यटकों के आने की राह फिलहाल बंद है। ऐसे में पर्यटन उद्योग और सरकार की सारी आस घरेलू पर्यटन पर ही टिकी है। इसे लेकर पर्यटन उद्योग और सरकार दोनों ने ही पर्यटकों में विश्वास बहाली की कोशिशें शुरू की है। इसके तहत राज्यों के साथ मिलकर पर्यटकों के लिए अनुकूल और सुरक्षित माहौल पैदा करने की मुहिम छेड़ी गई है। इसका असर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व गोवा समेत कई राज्यों में दिखने लगा है, जहां पर्यटन स्थलों पर सप्ताहांत या छुट्टी के दिनों में पर्यटक जुटने लगे हैं। पर्यटकों का यह रुझान फिलहाल पर्यटन उद्योग को उत्साहित करने वाला है। 

हालांकि अभी इनमें से ज्यादातर पर्यटक आसपास के ही होते हैं, जो होटलों में रूकने और रेस्टोरेंट में खाने-पीने से परहेज कर रहे है। पर्यटन मंत्रालय अब उनके इस डर को खत्म करने में जुटा है। साथी नामक एप के जरिये देशभर के होटलों और रेस्टोरेंट्स का सुरक्षा मानकों के आधार पर सत्यापन कराया जा रहा है। इसका मकसद पर्यटकों को यह भरोसा दिलाना है, कि सर्टिफिकेट हासिल करने वाले होटल और रेस्टोरेंट कोविड के खतरे से पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

माना जा रहा है कि इसके बाद पर्यटक लंबी दूरी के पर्यटन की योजना बनाएंगे। इसके साथ उत्तराखंड, गोवा सहित कई राज्य पर्यटकों को लुभाने के लिए आकर्षक पैकेज भी लेकर आए है। इनमें उत्तराखंड का 'वर्केशन' यानी होटलों में रहते हुए वर्क फ्रॉम होम सबसे चर्चित कांसेप्ट है। इसके साथ ही यहां होटल में ठहरने पर सब्सिडी भी दी जा रही है। पर्यटन मंत्रालय इसके साथ ही राज्यों के साथ मिलकर टूरिस्ट गाइड और होटलों में सत्कार से जुड़े स्टाफ को पर्यटकों की देखभाल के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित करने की मुहिम भी चलाई है। 

हालांकि पर्यटन उद्योग से जुड़े संगठनों का मानना है कि पर्यटन तभी उबर पाएगा, जब विदेशी पर्यटकों की आवाजाही खुलेगी। इसकी फिलहाल उम्मीद कम है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष एक करोड़ से ज्यादा विदेशी पर्यटक भारत आए थे। इनसे करीब 2.10 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।

राज्यों को दिखानी होगी एकरूपता

घरेलू पर्यटन के लिए सभी राज्यों को एकरूपता दिखानी होगी। केंद्र की ओर से लॉकडाउन समाप्त कर दिए जाने के बाद भी कई राज्यों में पाबंदियों से टूर ऑपरेटर्स नाखुश हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर के प्रेसिडेंट प्रोनब सरकार के मुताबिक घरेलू पर्यटन से पूरी उम्मीद है, लेकिन इसके लिए सभी राज्यों में एक नीति लागू हो। अभी भी कुछ राज्यों ने अपनी सीमाएं पर्यटकों के लिए बंद कर रखी है, या पाबंदी लगा रखी है। उन्होंने बताया कि मेघालय ने एक महीने में सिर्फ 300 पर्यटकों को ही आने की इजाजत दी है। इस तरह कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड ने भी कुछ पाबंदियां लगा रखी हैं।

 

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