रिहा होते ही बोलीं महबूबा- दिल पर वार करता रहा काले दिन का काला फैसला, 370 के लिए संघर्ष होगा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रिहा होते ही ऐलान किया है कि अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए वे फिर से संघर्ष शुरू करेंगी. उन्होंने 1 मिनट 23 सेकेंड का एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि उस काले दिन का काला फैसला उनके दिमाग में खटकता रहा है. 

बता दें कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को एक साल से अधिक समय के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार ने मंगलवार को रिहा कर दिया. पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले ही जम्मू कश्मीर के अहम नेताओं को केंद्र सरकार ने हिरासत में ले लिया था. इनमें महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं. 

रिहाई के बाद एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए महबूबा ने कहा, "एक साल से ज्यादा समय तक हिरासत में रहने के बाद मुझे रिहा कर दिया गया है, उस काले दिन का काला फैसला मेरे दिल और रुह पर हर पल वार करता रहा, मुझे यकीन है कि ऐसी ही स्थिति जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी."

महबूबा ने केंद्र सरकार पर भड़कते हुए कहा कि इस सरकार ने जो लोगों की बेइज्जती की है उसे जनता नहीं भूलेगी. 

महबूबा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक अवैध फैसला था, लेकिन जम्मू कश्मीर के लोग इस फैसले को बदलने के लिए एकमत होकर लड़ेंगे और कश्मीर से जुड़े मुद्दों के निपटारे के लिए साथ मिलकर काम करेंगे जो हजारों जिंदगियां निगल गईं हैं.

महबूबा मुफ्ती ने अपने संदेश में कहा कि ये संघर्ष आसान नहीं रहने वाला है. उन्होंने कहा कि जब उन्हें छोड़ दिया गया है तो  उन्हें उम्मीद है कि और जो लोग अवैध रूप से हिरासत में हैं, उन्हें भी छोड़ दिया जाएगा. 

बता दें कि महबूबा मुफ्ती को पहले एक सरकारी बिल्डिंग में रखा गया था. इसके बाद उन्हें चश्मा शाही गेस्ट हाउस में रखा गया. फिर उन्हें एमए लिंक रोड पर दूसरे गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया. अप्रैल 2020 से उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया था और उनके घर को ही उप जेल घोषित कर दिया गया था. 


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