अब इकोनॉमी को मिलेगा PSU का सहारा, सरकार ने खर्च का लक्ष्य जल्द पूरा करने का दिया निर्देश

 सरकार ने इकोनॉमी को दो राहत पैकेज देने के बाद मांग और खर्च बढ़ाने के लिए कई वैकल्पिक रास्ते भी तलाशने शुरू किये हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक कंपनियों (PSU) को निर्देश दिये हैं कि वे अपने पूंजीगत व्यय (CAPEX)  का 75 फीसदी हिस्सा दिसंबर तक पूरा कर लें. 

गौरतलब है कि सार्वजनिक कंपनियों को वैसे भी मार्च 2021 में खत्म वित्त वर्ष के अंत तक 100 फीसदी पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल करना है. लेकिन इस साल कोरोना संकट को देखते हुए इसमें कुछ हीला-हवाली हो सकती थी. अब सरकार के निर्देश के बाद कंपनियों को इसे पूरा ही करना होगा. इसका मकसद कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है.

14 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSEs) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों (CMD) के साथ एक ऑनलाइन बैठक में वित्त मंत्री ने यह निर्देश दिया. इकोनॉमी को सहारा देने के लिए यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस तरह की चौथी बैठक है. वह अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के संकट के उबारने में मदद के लिए विभिन्न पक्षों के साथ बैठकें कर रही हैं. 

कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों और इनसे जुड़े 14 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ एक ऑनलाइन बैठक में उन्होंने उनसे पूंजीगत योजनाओं (CAPEX) पर काम तेज करने की अपील की. 

सीपीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए सीतारमण ने कहा कि उनके द्वारा किया जाने वाला पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि के इंजन का एक अमूल्य घटक होता है. ऐसे में उन्हें 2020-21 और  2021-22 के लिए इसे तेज करने की जरूरत है. 

प्रदर्शन पर अधिकारी रखेंगे नजर

वित्त मंत्री ने संबंधित मंत्रालयों के सचिवों से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रदर्शन पर करीबी नजर रखने और दिसंबर तक उनके 2020-21 के लक्षित पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों के साथ संबंधित मंत्रालयों के सचिवों को ज्यादा समन्वय के प्रयास करने होंगे.

गौरतलब है कि 2019-20 में 14 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल 1,11,672 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा था लेकिन उनका व्यय इस लक्ष्य से ज्यादा 104 फीसदी यानी करीब 1,16,323 करोड़ रुपये रहा. चालू वित्त वर्ष के लिए इन कंपनियों ने 1,15,934 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है. 


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