West bengal politics : बंगाल में अपनी पैठ मजबूत करेगा आरएसएस, संगठनात्मक बैठक करेंगे मोहन भागवत


बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)  राज्य में अपनी पैठ मजबूत करना चाहता है। इसके तहत के सरसंघचालक मोहन भागवत 22 सितंबर को कोलकाता आयेंगे और 24 सितंबर तक कोलकाता में रहेंगे और यहां संघ के पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक बैठक के बाद 25 सितंबर की सुबह ओडिशा जायेंगे। कोलकाता में बैठकों के दौरान कोरोना के एहतियाती मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जायेगा और कोरोना के बाद की स्थिति की समीक्षा की जायेगी।

बंगाल में अबतक की उपलब्धि और समस्याओं से अवगत करायेंगे 

आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि श्री भागवत कोलकाता प्रवास के दौरान संघ के सहयोगी संगठन आरोग्य भारती, शिक्षा भारती, क्रीड़ा भारती, सक्षम (शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए), सेवा भारती के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। ये संगठन बंगाल में अब तक की उपलब्धियों और उनकी समस्याओं से सरसंघचालक को अवगत करायेंगे और भविष्य की योजनाएं भी बनायेंगे। 

स्त 2019 के बाद से श्री भागवत की राज्य की चौथी यात्रा होगी

उल्लेखनीय है कि ब्लॉक स्तर पर संघ को मजबूत करने के उद्देश्य से अगस्त 2019 के बाद से श्री भागवत की राज्य की चौथी यात्रा होगी। इससे पहले आरएस प्रमुख पिछले साल 1 अगस्त, 31 अगस्त और 19 सितंबर को कोलकाता आये थे।

स्वयंसेवकों को अल्पसंख्यकों के साथ जुड़ने को किया था आह्वान 

पिछले प्रवास के दौरान श्री भागवत ने बंगाल में स्वयंसेवकों को मुस्लिम समुदाय या अल्पसंख्यकों के साथ जुड़ने के लिए कहा था, जो राष्ट्रवाद में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की थी कि आम लोगों से जुड़ें और समाज सेवा के कार्यों से उन्हें अवगत करायें। 

वर्तमान में बंगाल में 1,800 शाखाएं, कम से कम एक शाखा हो 

वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार सरसंघचालक बंगाल के 341 ब्लॉकों में से प्रत्येक में कम से कम एक शाखा चाहते हैं। वर्तमान में बंगाल में लगभग 1,800 शाखाएं हैं, लेकिन ये शाखाएं सभी ब्लॉकों में समान रूप से नहीं हैं, वरन असमान रूप कुछ इलाकों में सीमित है।

वर्ष 2021 तक शाखा दोगुना करने की योजना : वरिष्‍ठ पदाधिकारी

वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि हमारी योजना सभी ब्लॉकों में शाखा लगाने की है तथा वर्ष 2021 तक इसे दोगुना करने की योजना है। वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि लगभग एक वर्ष तक कोलकाता में कोई बैठक नहीं हुई है। राममंदिर शिलान्यास के बाद वह पहली बार कोलकाता आ रहे हैं। वे कोलकाता में उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। प्रशासन के साथ सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है। उनके जेड-प्लस सुरक्षा कवर के कारण पुलिस विभाग को पहले से सूचित किया गया है। 

बंगाल में दशकों का आरएसएस का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं रहा था

उल्लेखनीय है कि डॉ श्यामप्रसाद मुखर्जी का गृह राज्य रहने के बावजूद बंगाल में दशकों का आरएसएस का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं रहा था, लेकिन अब स्थिति बदलने लगी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि 2021 के चुनाव के पूर्व श्री भागवत की बंगाल यात्रा से आरएसएस के स्वयंसवेकों व भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल बढ़ायेगा।

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