कोरोना संकट के बीच सरकार को झटका, खुदरा महंगाई दर में भारी उछाल


कोरोना संकट के बीच खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी सरकार के लिए चिंता का विषय है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.93 फीसदी हो गई है, जबकि जून महीने में खुदरा महंगाई दर 6.23 फीसदी थी. जून के बाद अब जुलाई में भी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय सुविधाजनक दायरे से बाहर हो चुकी है.

जून- 2019 के आंकड़ों को देखें तो पिछले एक साल खुदरा महंगाई दर बढ़कर करीब दुगुनी हो गई है. जून 2019 में खुदरा महंगाई दर 3.18 फीसदी थी, जो जून- 2020 में बढ़कर 6.23 फीसदी हो गई.

खाद्य महंगाई दर में इजाफा

सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य महंगाई यानी कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स बढ़कर 9.62 फीसदी पर पहुंच गई, इससे पहले जून में 8.72 फीसदी थी. सरकार का कहना है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है.

जून में अनाज की महंगाई दर 6.49 फीसदी थी, जो जुलाई में बढ़कर 6.96 फीसदी रही. जुलाई में सब्जियों की महंगाई दर बढ़कर 11.29 फीसदी हो गई है, जबकि जून में सब्जियों की महंगाई महज 1.87 फीसदी थी.

खुदरा महंगाई में यह बढ़त मुख्य दालों, मसालों, मांस-मछली, खाद्य तेलों-वनस्पति घी, पान-तंबाकू आदि की कीमतों में तेज बढ़त के कारण हुई है. खासकर जुलाई महीने में खुदरा बाजार में सब्जियों की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है.

दरअसल कोरोना लॉकडाउन के बीच आंकड़ों के अभाव का हवाला देकर सरकार ने अप्रैल और मई के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी नहीं किए थे. रिजर्व बैंक ने 6 फीसदी तक महंगाई को सुविधाजनक स्तर माना है. मार्च में खुदरा महंगाई दर 5.84 फीसदी थी.

मार्च के लिए खुदरा महंगाई का आंकड़ा पहले 5.91 फीसदी का जारी किया गया था, लेकिन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बाद में इसे संशोधित कर 5.84 फीसदी तक कर दिया.

अब क्या करेगा रिजर्व बैंक?

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक अपनी नीतिगत समीक्षा के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़ों का इंतजार करता है. रिजर्व बैंक का मानना है कि खुदरा महंगाई 4 फीसदी से 6 फीसदी के बीच रहे तो उसके लिए सुविधाजनक है और इससे ज्यादा होने पर उसे उचित कदम उठाना पड़ेगा. कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कई बार कटौती कर चुका है.

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