बिहार में कोरोना विस्‍फोट पर हाईकोर्ट गंभीर, पॉलिसी बताने लगी सरकार तो कहा- क्‍या किया ये बताइए


बिहार में कोरोना संक्रमण के विस्‍फोट को लेकर पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) गंभीर है। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के गंभीर हालात पर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोरोना महामारी पर आज राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन वह कोरोना की पॉलिसी के बारे में जानकारी देने लगी l इसपर  हाईकोर्ट ने कहा कि पॉलिसी के बारे में नहीं, अभी तक कि हुई कार्रवाई के बारे में बताइए। कितने लोग प्रभावित हैं, जांच, इलाज व बचाव के किए गए उपायों के बारे में बताइए। कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई के दिन विस्तृत ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है।

चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका पर की सुनवाई

दिनेश कुमार सिंह की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 20 अगस्त तक का मोहलत दी है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना से निबटने की व्‍यवस्‍था का पूरा ब्यौरा मांगा था। साथ ही कोर्ट ने जिला स्तरीय कोरोना अस्पतालों से संबंधित पूरी जानकारी भी मांगी थी। लेकिन गुरुवार को ये जानकारी सरकार नहीं दे सकी।

राज्य सरकार को और ब्यौरा देने का निर्देश

याचिकाकर्ता की वकील रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने नौ आरटीपीसीआर होने की बात बताई है, जिससे कोरोना की सही जांच होती है। पर, 12 करोड़ की आबादी वाले राज्य में महज नौ मशीनों से जांच कैसे संभव है? सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि बिहार में जांच और इलाज की बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। इसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर व अन्य सुविधाओं का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है। अब इसकी अगली सुनवाई 20 अगस्त को है।

बिहार में 94459 हुआ कोरोना का आंकड़ा

विदित हो कि बिहार में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 94459 हो चुका है। गुरुवार को भी राज्‍य में कुल 3906 नए मामले मिले। सर्वाधिक 399 मामले पटना के मिले। पटना में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 15374 हो चुका है। पूर्वी चंपारण में 220 तो कटिहार में 200 नए मामले मिले। अन्‍य जिलों के आंकड़े इससे कम रहे।

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