चीन सीमा की निगहबानी के लिए सुरक्षाबल ने मांगे सैटेलाइट नेटवर्क


चीन ने भारत से लगने वाले बॉर्डर इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. वो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास कई इलाकों में अपने तरीके से स्टेटस क्वो को बदलने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में भारतीय सुरक्षाबलों की तरफ से बॉर्डर इलाके में पांच-छह सैटेलाइट नेटवर्क की मांग की है. जिससे हमारे सुरक्षाबल चीनी सैनिकों की प्रत्येक मूवमेंट पर निगरानी रख सकें, और भविष्य में किसी भी तरह के अतिक्रमण जैसी स्थिति का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रह सकें. सुरक्षाबलों ने पूर्वी लद्दाख और LAC के पास के इलाकों में यह सुविधा देने की मांग की है.

आजतक से बात करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मौजूदा हालात में जिस तरह से चीन ने चुपचाप हमारे बॉर्डर के साथ-साथ अपनी सेना खड़ी कर दी है. ऐसे में आवश्यकता है की सीमा की बेहतर निगरानी के लिए चार-छह सैटेलाइट नेटवर्क स्थापित किए जाएं. जिससे वहां होने वाली पल-पल की गतिविधियों की जानकारी मिलती रहे और हम भविष्य में किसी तरह की सरप्राइज वाली स्थिति को रोक सकें.'

सूत्र ने बताया कि सरकार हमारी आवश्यकता से भली भांति अवगत है और अलग-अलग एजेंसियां सैटेलाइट स्थापित किए जाने की दिशा में लगातार काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले सी भी कई मिलिट्री सैटेलाइट्स हैं जिससे हम लोग शत्रुओं पर नजर रखते हैं लेकिन नए सैटेलाइट से हमें उनके मिनट-मिनट मूवमेंट की जानकारी मिल सकेगी.

उन्होंने बताया कि लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन से लगने वाली सीमा पर भारतीय आर्मी और ITBP (इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस) दोनों की तैनाती है. यह इलाका काफी कठिन परिस्थितियों वाला है. उस हिसाब से वहां पर सैन्यदलों की तैनाती काफी नहीं है. इस वजह से इतने बड़े भूभाग पर निगरानी रखना आसान नहीं होता है. सैटैलाइट नेटवर्क स्थापित होने से हम सभी इलाकों में बेहतर निगरानी रख पाएंगे, साथ ही हमारे पास चीनी सैनिकों द्वारा अतिक्रमण की स्थिति में बेहतर रिएक्शन टाइम भी रह सकेगा. सूत्र ने बताया है कि अगर जरूरत पड़ी तो एजेंसियां दूसरे देशों से भी सैटेलाइट ले सकती हैं.

बता दें, चीन ने पूर्वी लद्दाख और LAC के पास के इलाकों में 45000 सैन्यदल इकट्ठा कर रखा है. इसके साथ ही फिंगर, गोगरा और कुंगरांग नाला समेत कई इलाकों में अतिक्रमण कर रखा है. चीनी सैनिकों की गतिविधियां संदेह पैदा करने वाली है, क्योंकि वो लगातार सैन्यबल के दम पर स्टेटस क्वो को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. जैसा कि उन्होंने 18-19 मई की दरमियानी रात को पैंगोंग झील के पास भी किया था. यहां पर भारत के 150 के करीब सैनिक तैनात थे, जबकि चीन की तरफ से लगभग 2000 सैनिकों को भेजा गया था.

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है. व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो चीन पैंगोंग झील को लेकर बातचीत से कन्नी काट रहा है. बातचीत इसी प्वाइंट को लेकर होनी है, लेकिन चीन ने इसे खारिज किया है. इंडिया टुडे को पता चला है कि 14-15 जून को हुई चौथे दौर की वार्ता के दौरान यह बात उभर कर सामने आई थी कि चीन पैंगोंग झील पर बातचीत करने को लेकर इच्छुक नहीं है. फिलहाल पैंगोंग झील विवाद का केंद्र बना हुआ है.

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