बंगाल में एक तरफ जहां हर दिन बहुत तेजी से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ रिकवरी रेट लगातार घटता जा रहा है। राज्य में इस महीने की शुरुआत में रिकवरी रेट 66 फीसद तक पहुंच गया था। लेकिन, पिछले करीब 10 दिनों के दौरान जिस तेज रफ्तार से कोरोना के नए मामले और मौत के आंकड़े बढ़े हैं रिकवरी रेट घटकर शुक्रवार को 58.54 फीसद पर पहुंच गया। एक दिन पहले यह आंकड़ा 59.29 फीसद था।
पिछले कुछ दिनों से हर दिन रिकवरी रेट नीचे की ओर आ रहा है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है। गौरतलब है कि राज्य शुक्रवार तक 38,000 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और अबतक 1049 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले करीब 10 दिनों से हर दिन कोरोना की वजह से औसत 20 से 25 लोगों की मौतें हो रही है। शुक्रवार को भी राज्य में रिकॉर्ड 1894 नए मामले आए एवं 26 लोगों की मौत हुई है।
इधर, राज्य सरकार का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से तेजी से संक्रमण बढ़ा है इसीलिए रिकवरी रेट में भी गिरावट आई है। सरकार का यह भी दावा है कि कोरोना से जो मौतें हो रही है उनमें अधिकतर अन्य बीमारियों के कारण हो रही है। हालांकि इसमें कोरोना भी एक कारण है। राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने वीरवार को कहा था कि कई बार अंतिम समय में मरीज भर्ती होते हैं इसके कारण भी मौतें हो रही है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि कोरोना से किसी की भी मौत नहीं हो इसके लिए डॉक्टरों द्वारा यथासंभव बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य सरकार का यह भी कहना है कि अगले 2 महीने तक कोरोना का संक्रमण इसी तरह तेजी से बढ़ेगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी उपाय कर रही है। विभिन्न अस्पतालों में कोरोना बेडों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने वीरवार को कहा था कि 4000 और नए बेडों की कुछ दिनों में व्यवस्था हो जाएगी। बता दें कि बंगाल में अब कोरोना की जांच की रफ्तार भी प्रतिदिन करीब 13 हजार को पार कर गया है। राज्य में अब तक कुल 6,76,348 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जैसे-जैसे जांच की रफ्तार बढ़ रही है नए मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में रिकवरी रेट में गिरावट को रोकना बड़ी चुनौती है। राज्य सरकार को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।
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