Cyclone Amphan Effect : एम्फन राहत में भ्रष्टाचार बना तृणमूल के लिए फांस


बंगाल में चक्रवात ‘एम्फन’ से प्रभावित लोगों को मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि में हेराफेरी के मामले में लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सत्तारूढ़ तृणमूल के लिए यह भ्रष्टाचार गले की फांस बन गई है। मजबूरी में ही सही कार्रवाई करनी पड़ रही है। कुछ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निलंबित ही नहीं बर्खास्त भी करना पड़ा है।

वहीं भाजपा और माकपा का कहना है कि पार्टी में जो लोग भी इस संबंध में दोषी पाए जाएंगे, वे उनका बचाव नहीं करेंगे। राज्य की 80 फीसद पंचायतों पर नियंत्रण रखने वाली तृणमूल को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। जबकि कुछ इलाकों में भाजपा और माकपा को भी ‘एम्फन’ राहत वितरण के संबंध में आरोपों का सामना करना पड़ा रहा है और कुछ क्षेत्रों में लोग इनके खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा में हो रहा है। ये जिले चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। यह चक्रवात बंगाल में 20 मई को आया था और इस दौरान 96 लोगों की मौत हो गई और बड़े पैमाने पर संपत्ति की क्षति हुई।

तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब भी कोई शिकायत मिलती है, हम आरोपित नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। हम या तो उन्हें निलंबित करते हैं या धन वापस कराते हैं। भ्रष्टाचार को हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि तृणमूल के कई स्थानीय नेताओं को पार्टी से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया। बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार चक्रवात प्रभावित पीड़ितों को मुआवजे मिलने में आई ‘खामियों’ को दूर कर रही है।

उन्होंने पार्टी के एक वर्ग के नेताओं को भ्रष्टाचार में शामिल होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। तृणमूल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही भाजपा को भी उन पंचायतों में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है जहां उनका नियंत्रण है। भाजपा राज्य महासचिव सयांतन बासु ने कहा कि अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो प्रशासन को अपना काम करने दें। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो पार्टी उसका बचाव नहीं करेगी। वहीं माकपा ने कहा कि दोषी पाए जाने वाले नेताओं के साथ पार्टी खड़ी नहीं होगी। 

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