पुरुलिया में मिले 43 कोरोना पॉजिटिव मरीज, श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र से आये


पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में कोरोना मरिजों के मिलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को 43 और लोग कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिससे जिले में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 61 हो गयी है। 

डीआइसीओ पल्लव पाल के मुताबिक, ये सभी प्रवासी मजदूर हैं, और श्रमिक स्पेशल ट्रेन से दिल्ली, महारष्ट्र और गुजरात से लौटने के बाद इन्हें जिले अलग-अलग क्वारन्टीन सेंटर में रखा गया था। बलरामपुर से दो, बड़ा बाजार से दो, मानबाजर से एक, मानबाजर के बारी से एक, चाकोलतोड़ से चार, हुडा से दो, झालदा से दो, कोटशिला से छह, पाड़ा से एक, पूंचा से दो तथा सिरकबाद से 20  प्रवासी मजदूरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है। रिपोर्ट आने के बाद सभी को क्वारन्टीन सेंटर से  प्रखंडस्तरीय कोविड केयर सेंटर में ले जाया गया है।

अनलॉक को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य से मांगा हलफनामा

लॉकडाउन को अनलॉक किस आधार पर किया गया? इस संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से हलफनामा तलब किया है। लॉकडाउन में ढील क्यों है? अधिवक्ता अनिंद्य सुंदर दास ने इस आशय को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। उस याचिका पर शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई चीफ जस्टिस की पीट में हुई। अधिवक्ता दास ने याचिका में कहा है कि विशेषज्ञों की सलाह के बाद लॉकडाउन किया गया था। परंतु, अनलॉक करने से पहले किसकी सलाह ली गई?

इसी को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने साथ ही दावा किया कि जिस तरह से अनलॉक किया गया है उसके परिणामस्वरूप स्थिति और खराब हो जाएगी। संक्रमणों की संख्या में और वृद्धि होगी। आज मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अनिंद्य सुंदर दास ने इस बाबत अखबारों में प्रकाशित विभिन्न रिपोर्टों को भी प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के मुद्दों और बिना नियमों के पालन किए बसों में हो रही भीड़ की बातें भी पीठ से कही। इसके बाद मुख्य न्यायधीश की पीठ ने केंद्र और राज्य से जवाब देने का निर्देश दिया। केंद्र और राज्यों को 11 जून तक हलफनामा दाखिल करना है। पीठ ने हलफनामे में अनलॉक को लेकर उठाए गए विभिन्न सवालों का जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके बाद फिर मामले पर सुनवाई होगी।

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