पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव कम होना शुरू हो गया है. शीर्ष सूत्रों के मुताबिक चीन की सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गए हैं. गलवान घाटी के पास चीन के सैनिकों की संख्या में कमी देखी गई है.
गलवान घाटी में झड़प के बाद यह पहली बार है, जब चीन की सेना पीछे हटी है. भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद गलवान घाटी के पास चीनी सेना और वाहनों की कमी देखने को मिली है. इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर पर कई मीटिंग हुई थीं. इस दौरान दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने को राजी हुई थे.
आपको बता दें कि 15 जून की की रात को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे.
सूत्रों के मुताबिक हिंसक झड़प में चीन के करीब 40 जवान मारे गए थे. हालांकि चीन ने अपने जवानों के मारे जाने का कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है.
इस हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे.
इस बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से सवाल किया था, जिसके बाद पीएम मोदी ने कहा था किन वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. पीएम मोदी के इस बयान पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे. उन्होंने पीएम मोदी से पूछा था कि अगर भारतीय क्षेत्र में चीन के सैनिक नहीं घुसे, तो हिंसक झड़प कैसे हो गई और 20 जवान कैसे शहीद हो गए.
सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि हमारी सेनाएं, सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. पीएम मोदी ने जवानों की शहादत पर कहा था कि लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उनको वो सबक सिखाकर गए.
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