दिल्ली पुलिस के तेजतर्रार 1989 बेंच के आईपीएस अफसर मुकेश कुमार मीणा को गोवा का डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बनाया गया है. गोवा में 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रणव नंदा के अचानक हुए निधन के बाद से ही डीजीपी का पद खाली पड़ा हुआ था. प्रणव नंदा का नवंबर 2019 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. डीजीपी नंदा तब दिल्ली के आधिकारिक दौरे पर आए थे. इससे पहले मुकेश कुमार मीणा की मिजोरम भेजा गया था.
दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से सुर्खियों में आए मुकेश कुमार मीणा दिल्ली पुलिस में स्पेशल सीपी नई दिल्ली रेंज में तैनात थे. दरअसल एसीबी को लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच काफी बहस हुई थी. गृह मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दिल्ली पुलिस के अधीन बताते हुए मुकेश कुमार मीणा को एसीबी का चीफ बना दिया था.
फरवरी 2016 में दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) के चीफ मुकेश कुमार मीणा ने अंडमान निकोबार तबादला होने के बाद भी दिल्ली सरकार के खिलाफ शिक्षा विभाग की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था.
इससे पहले भी एसीबी चीफ मुकेश कुमार मीणा और केजरीवाल सरकार के बीच कई बार अनबन की खबरें सामने आई थी. दिल्ली सरकार ने मुकेश कुमार मीणा की एसीबी चीफ के पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया था. मीणा को उपराज्यपाल नजीब जंग ने एसीबी के चीफ के पद पर नियुक्त किया था, जबकि एसीबी के पहले चीफ एसएस यादव की नियुक्ति दिल्ली सरकार ने की थी.
नियुक्ति के बाद दिल्ली सरकार ने मीणा को चार्ज लेने से मना कर दिया था और उन्हें गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा था. इसके बावजूद मीणा एसीबी में काम करते रहे थे.
यादव और मीणा के बीच हुआ था टकराव
जून 2015 में दिल्ली सरकार और एसीबी के बीच एफआईआर रजिस्टर को लेकर विवाद हो गया था. इस पर मीणा ने उन्हें नोटिस जारी किया था, वहीं इस पूरे विवाद में यादव के खुदकुशी करने की धमकी देने की बात भी सामने आई थी. हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार कर दिया था.
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