योग प्रतियोगिता में लेना चाहते हैं हिस्सा, पीएम मोदी ने मन की बात में बताया तरीका



कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन 5.0 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था से लेकर देशवासियों के स्वास्थ्य और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों पर बातचीत की. पीएम ने योग और आयुर्वेद का जिक्र करते हुए उसकी विशेषता के बारे में भी बताया.

पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना काल में विश्व के अनेक नेताओं से मेरी बातचीत हुई. इस दौरान मुझे पता चला कि दुनियाभर के नेताओं की दिलचस्पी योग और आयुर्वेद में काफी बढ़ रही है. कुछ नेताओं ने मुझसे पूछा कि कोरोना काल में योग और आयुर्वेद कैसे मददगार साबित हो सकते हैं.'

उन्होंने कहा कि कपालभाति और अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम से कई लोग परिचित होंगे, लेकिन भस्त्रिका, शितली और भ्रामरी जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं जिनके कई लाभ हैं. योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक प्रतियोगिता शुरू की है. दुनियाभर से लोग इसमें हिस्सा ले सकते हैं. आपको योग करते हुए अपना 3 मिनट वीडियो पोस्ट करना है और योग से आए बदलावों को बताना है.'

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आने वाला है. योग जैसे-जैसे लोगों के जीवन से जुड़ रहा है, उनमें स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी बढ़ रही है. कोरोना काल में भी हॉलीवुड से हरिद्वार तक लोग योग अपना रहे हैं. कई लोग आयुर्वेद की तरफ लौट रहे हैं.

जिन लोगों ने कभी योग नहीं किया है, वो भी आज ऑनलाइन क्लास या ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से योग सीख रहे हैं. योग कम्युनिटी, इम्यूनिटी और यूनिटी के लिए अच्छा है. कोरोना संकट में योग इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि ये वायरस हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को सबसे अधिक प्रभावित करता है. योग में तो रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं.

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