घरेलू उड़ानें कल से शुरू करने पर 4 राज्यों की आपत्ति, सबके अपने-अपने तर्क


25 मई से देश के कई हिस्सों में विमानों की आवाजाही शुरू की जा रही है. करीब दो महीने के बाद घरेलू उड़ानों के टेक ऑफ के लिए एयरपोर्ट पर खास तैयारियां की जा रही हैं. एयरपोर्ट पर अब नए नियम और कानून के साथ सब कुछ बदला-बदला सा होगा. एयरपोर्ट पर दो मीटर की दूरी और टचलेस सिस्टम फॉलो किया जाएगा ताकि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) ने स्वस्थ और सुरक्षित हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. डीआईएएल के अनुसार, एयरपोर्ट पर एंट्री गेट और चेक-इन जैसे स्थानों पर यात्रियों के लिए ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजर मशीन, फ्लोर मार्कर सहित कई व्यवस्थाएं की गई हैं. दिल्ली एयरपोर्ट सोमवार से करीब 380 उड़ानों का संचालन करेगा. दिल्ली एयरपोर्ट से करीब 190 विमान रवाना होंगे और करीब 190 विमान यहां उतरेंगे.

अलग-अलग राज्यों में संचालन

बेंगलुरु में सोमवार से एयरपोर्ट खोल दिए जाएंगे. इस एयरपोर्ट से 215 फ्लाइट्स चलाई जाएंगी. जबकि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार से घरेलू उड़ान के लिए सात फ्लाइट्स चलेंगी. 27 मई से दो और फ्लाइट्स सेवा के लिए जुड़ जाएंगी, जबकि एक जून से चार और फ्लाइट्स.

वहीं जम्मू में सोमवार को नौ फ्लाइट्स पहुंचेंगी. इसमें श्रीनगर से तीन, दिल्ली से चार, मुंबई और ग्वालियर से एक-एक फ्लाइट होगी. दिल्ली में 380 फ्लाइट्स उड़ेंगी. इसमें से 190 फ्लाइट्स आएंगी और 190 जाएंगी. जिन राज्यों ने उड़ान की स्वीकृति दी उनमें दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर प्रमुख हैं. हालांकि कुछ राज्यों ने इस पर विरोध भी जताया है.

कुछ राज्यों का विरोध

महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में विमानों की आवाजाही शुरू किए जाने को लेकर रास्ता साफ नहीं है. महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार से विमानों की आवाजाही को लेकर अपनी असमर्थता जाहिर कर दी है. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि वह 25 मई से विमान सेवा नहीं शुरू कर सकती. उसने शनिवार को केंद्र सरकार को कारण भी बता दिया है. राज्य सरकार का कहना है कि उसके अहम शहर मुंबई और पुणे रेड जोन में हैं और इन शहरों में ट्रैफिक और लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी है. ऐसे में अभी विमान सेवा नहीं शुरू कर सकते.

महाराष्ट्र सरकार की आपत्ति

महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को ये भी बताया है कि यह भी साफ नहीं है कि MIAL यानी मुंबई इंटरनेशनल एअरपोर्ट लिमिटेड ने हवाईअड्डे पर काम फिर से शुरू करने, कर्मचारियों की उपलब्धता, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और उनकी फिटनेस के स्तर की जांच करने की आवश्यकता पर काम किया है या नहीं. राज्य सरकार ने अपने जवाब में ये भी कहा कि एमआईएएल ने ये भी साफ नहीं किया उसके स्टाफ कंटेनमेंट जोन से आएंगे या नहीं.

छत्तीसगढ़ ने मांगा पूरा ब्योरा

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को चिट्ठी लिखकर राज्यों को प्रत्येक उड़ान और यात्रियों की विस्तृत जानकारी देने को कहा है. सीएमओ की तरफ से ट्वीट करते हुए लिखा गया है, 'मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा 25 मई से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने के निर्णय के संबंध में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है.

बघेल ने पत्र में लिखा है कि घरेलू उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्डयन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों के अंतर्गत ही उड़ान संचालन करना चाहिए. राज्यों को प्रत्येक उड़ान की जानकारी और यात्रियों का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए. हवाई यात्रा करने वालों को 14 दिन क्वारनटीन केवल राज्य सरकार की ओर से संचालित और पेड क्वारनटीन पर रहना अनिवार्य किया जाए और इसकी जानकारी यात्रियों को दी जाए.'

बंगाल सरकार का तर्क

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को मोदी सरकार से अपील की कि राज्य में आए चक्रवाती तूफान अम्फान ने कई हिस्सों को तबाह कर दिया है. ऐसे में पश्चिम बंगाल में फिलहाल उड़ान संचालन को स्थगित ही रखा जाए. यह बात ममता बनर्जी ने उस वक्त कही, जब वे तूफान प्रभावित साउथ 24 परगना जिले का दौरा कर कोलकाता लौटी थीं. मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "चूंकि हम इस तरह की आपदा का सामना कर रहे हैं, इसलिए कुछ दिनों तक इंतजार करना बेहतर होगा. 25 मई के बजाय, अगर उन्होंने 30 मई तक इसे टाल दिया तो हम इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं."

चक्रवात के प्रभाव में बंगाल

ममता बनर्जी ने कहा, "राज्य सरकार को तैयारी के लिए भारत सरकार को कुछ दिन का समय देना चाहिए क्योंकि पूरा राज्य तंत्र चक्रवात के बाद राहत और बहाली के काम में व्यस्त था." उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि जनता को नुकसान होगा. अगर लोग वापस लौटना चाहते हैं तो मैं उनका स्वागत करती हूं. उन्हें एक क्वारनटीन सेंटर में रहने की भी आवश्यकता नहीं है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें घर पर रहने की सुविधा मिले. कम से कम हमें तीन दिन का समय दें, और इसे 28 से शुरू करें." ममता ने आगे कहा, "यह इमरजेंसी, ईद और आपदा सभी एक साथ आए हैं. अभी पर्याप्त वाहन नहीं चल रहे हैं. लॉकडाउन अभी चल ही रहा है. यह भी एक समस्या है. इतने लोग अपने जिलों में कैसे पहुंचेंगे?"

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