लॉकडाउन-2 में कोरोना से कैसे निपटेंगे, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताई रणनीति


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ा गई है. लॉकडाउन-2 की गाइडलाइंस जारी हो गई है. इस बार जहां काफी सख्ती हुई है वहीं कुछ छूट भी दी गई है. माल ढोने वाली गाड़ियों को कुछ शर्तों के साथ आवाजाही की छूट दी गई है.

इसके अलावा कार्गो मूवमेंट, राहत सामग्री और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए विमानों को छूट दी गई है. ट्रक और माल ढोने वाली दूसरी गाड़ियां चल सकेंगी, लेकिन इसमें दो ड्राइवर और एक हेल्पर के बैठने की ही अनुमति होगी. ट्रकों के रिपेयर के लिए वर्कशॉप और हाईवे किनारे ढाबा की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग पालन करना होगा.

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों को गाइडलाइन जारी किए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि हॉटस्पॉट की पहचान की गई है. साथ ही कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राज्यों के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/स्वास्थ्य सचिवों के साथ बातचीत की हुई. देश के प्रत्येक जिले में कोविड-19 से निपटने के लिए अस्पताल बनाए जाएंगे.

लव अग्रवाल ने बताया कि कंटेंटमेंट जोन में घर घर जाकर सर्वे किया जाएगा और अगर किसी कोरोना पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में कोई आया है तो उसके बारे में पता लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि देश के जिलों को 3 श्रेणियों में बांटा जाएगा. इसमें हॉटस्पॉट जिले, नॉन हॉटस्पॉट जिले होंगे, लेकिन जहां मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं उसे ग्रीन जिले के नाम से जाना जाएगा.

लव अग्रवाल ने बताया कि कल जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा उसके आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन-2 के बारे में राज्यों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं.

कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि बड़े प्रकोप और कलस्टर प्रकोप रोकथाम, रोकथाम क्षेत्र संबंधी कई विषयों पर भी चर्चा की गई है. आवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों को छोड़कर किसी प्रकार के आवाजाही को अनुमति नहीं होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की कोई खबर नहीं है.

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