कोरोना लॉकडाउन से बड़े पैमाने पर गईं नौकरियां, बेरोजगारी 43 महीने की ऊंचाई पर: CMIE


कोरोना का प्रकोप भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कहर साबित हो रहा है. लॉकडाउन के बाद अब तक देश में बेरोजगारी बढ़कर 23 फीसदी, जबकि शहरों में बेरोजगारी 31 फीसदी पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. मार्च में पूरे महीने की बात की जाए तो बेरोजगारी दर पिछले 43 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई.

सीएमआईई के अनुसार, मार्च के पहले सप्ताह में देश में रोजगार की हालत काफी खराब होनी शुरू हुई और महीने के अंत में स्थिति काफी बिगड़ गई. सीएमआईई एक निजी थिंक टैंक है. CMIE के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल, 2020 के पहले सप्ताह में भी रोजगार की हालत काफी दयनीय रही.

CMIE के अनुसार लॉकडाउन के दौरान कुल बेरोजगारी की दर बढ़कर 23.4 फीसदी तक पहुंच गई, जबकि शहरी बेरोजगारी की दर बढ़कर 30.9 फीसदी तक पहुंची.

पिछले 43 महीने की सबसे ज्यादा बेरोजगारी

रिपोर्ट के अनुसार मार्च में पूरे महीने की बात की जाए तो बेरोजगारी दर 8.7 फीसदी रही. यह पिछले 43 महीने की सबसे ज्यादा बेरोजगारी है. मार्च के अंतिम सप्ताह में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.8 फीसदी तक पहुंच गई. इसके पहले अगस्त 2016 में बेरोजगारी की दर 9.59 फीसदी थी.

अब तक के सबसे निचले स्तर पर श्रम भागीदारी

CMIE के सीईओ महेश व्यास ने इसकी वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट में कहा, 'मार्च 2020 में श्रम भागीदारी दर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. बेरोजगारी दर काफी तेजी से बढ़ा और रोजगार दर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई.'

गौरतलब है कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम मोदी ने 14 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन करने की घोषणा की थी. इसकी वजह से सिर्फ जरूरी सेवाओं और दुकानों को छोड़कर बाकी सभी तरह के रोजगार-धंधे पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. फरवरी में बेरोजगारी की दर 7.78 फीसदी थी.

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