मध्यप्रदेश में सत्ता का संग्राम दिन-ब-दिन रोचक होता जा रहा है. पिछले दो-तीन दिनों से राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच चिट्टी की अदला-बदली चल रही है. राज्यपाल दो बार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाने की बात कह चुके हैं वहीं मुख्यमंत्री हर जवाब में आनाकानी करते नजर आ रहे हैं. इसी बीच मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने भी राज्यपाल को एक पत्र लिखा है.
राज्यपाल को लिखे गए पत्र में स्पीकर ने कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने पत्र में लिखा है, "लापता विधायकों को लेकर चिंतित हूं, सारे घटनाक्रम देखने से लगता है कि उनके इस्तीफे दबाव देकर लिखवाए गए हैं." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ विधायकों के परिजनों ने उनकी सुरक्षा के संबंध में चिंता भी जताई है.
स्पीकर बोले- नोटिस के बाद भी नहीं आए विधायक
राज्यपाल को दिए गए पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि बेंगलुरु में मौजूद 16 सदस्यों पर दिया नोटिस के बाद भी विधायक क्यों नहीं आ पा रहे हैं. उनको यदि भय है तो वे मुझसे सुरक्षा मांग सकते थे. इसके साथ ही पत्र में विधायकों को स्वच्छंद करवाने और सुरक्षित वापस लाने में सहयोग करने की बात भी कही गई है.
राज्यपाल से बोले स्पीकर- उनकी चिंता करना जरूरी
स्पीकर ने पत्र में कहा है कि विधायकों का संरक्षक होने के नाते मुझे उनकी चिंता करना जरूरी है. लापता सदस्यों के इस्तीफे ना तो उनके परिजन लाए और ना ही उनका कोई निकट संबंधी. उनके इस्तीफे दूसरे दल के नेताओं के द्वारा लाकर दिए गए यही चिंता का विषय है. इसके साथ ही पत्र के अंत में उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे सभी लापता विधायकों की वापसी सुनिश्चित कराएं.
सोमवार शाम राज्यपाल ने लिखा था पत्र
सोमवार देर शाम राज्यपाल ने कमलनाथ को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर 17 मार्च यानी मंगलवार को बहुमत साबित करने का अल्टीमेटम दिया है. राज्यपाल ने कमलनाथ को पत्र लिख कर कहा कि अगर कमलनाथ सरकार बहुमत साबित नहीं करेगी तो उसे अल्पमत में माना जाएगा.
हालांकि, कमलनाथ ने सोमवार देर शाम राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात भी की. इसके बाद कमलनाथ ने फिर कहा कि अभी उनके पास बहुमत है, ऐसे में उन्हें साबित करने की कोई जरूरत नहीं है. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.