कोरोना का कहर: सोने की कीमत में भारी गिरावट, क्या यही है निवेश का सही मौका?


अब कोरोना के कहर से कोई भी पोर्टफोलियो बचा नहीं है. पिछले सप्ताह घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमत में 4 हजार प्रति दस ग्राम तक की कमी आई है.

शेयर बाजार में बीते सप्ताह मचे उथल-पुथल के बीच निवेशकों ने अपने मार्जिन कॉल को पूरा करने के लिए सोने की बिकवाली बढ़ा दी जिसके कारण पीली धातु की चमक मलिन पड़ गई और घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव साप्ताहिक आधार पर करीब 4,000 रुपये प्रति 10 ग्राम यानी नौ फीसदी टूटा.

सोने के साथ-साथ चांदी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. इस सप्ताह भी महंगी धातुओं पर दबाव बने रहने की संभावना है.

क्यों आई गिरावट

कोरोना वायरस के कहर को लेकर बाजार में काफी घबराहट है. इसलिए सुरक्षित माने जाने वाले गोल्ड जैसे एसेट में भी लोग बिकवाली कर मुनाफा बनाने में लग गए हैं, ताकि बाकी जगह से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके.

केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि पिछले सप्ताह शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के बाद निवेशकों ने अपने मार्जिन कॉल को पूरा करने के लिए सोने में बिकवाली की क्योंकि ऐसे समय में सोना ही सबसे आसान साधन होता है जिसे बेचकर नकदी जुटाई जा सकती है.

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का अप्रैल अनुबंध पिछले सत्र से 1,790 रुपये यानी 4.24 फीसदी की गिरावट के साथ 40,416 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ कारोबार के दौरान सोने का भाव 40,055 रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूटा. इससे एक सप्ताह पहले के आखिरी सत्र में सोने का भाव 44,353 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. घरेलू बाजार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आने से भी सोने पर दबाव आया.

बना रह सकता है उतार-चढ़ाव

केडिया ने कहा कि पिछले सप्ताह जिन कारणों से सोना टूटा था वह अभी भी बरकरार है इसलिए सोने-चांदी के दाम पर दबाव बना रह सकता है, हालांकि घरेलू बाजार में एक बार 39,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक गिरने के बाद सोने में फिर जोरदार रिकवरी देखने को मिल सकती है.

उन्होंने कहा कि आगे सोने और चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है क्योंकि इस सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दर में कटौती करने का फैसला ले सकता है जिससे महंगी धातुओं में मजबूती आएगी.

एमसीएक्स पर चांदी का मई अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र से 3,679 रुपये यानी 8.34 फीसदी की गिरावट के साथ 40,460 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ जबकि इससे पहले चांदी का भाव कारोबार के दौरान 43,280 रुपये प्रति किलो तक टूटा. इससे एक सप्ताह पहले एमसीएक्स पर चांदी का भाव 46,711 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था. इस प्रकार चांदी के दाम में बीते सप्ताह 6,000 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव इस साल के निचले स्तर पर आ गया है. बीते सप्ताह कॉमेक्स पर सोना तकरीबन 200 डॉलर प्रति औंस लुढ़का. कॉमेक्स पर नौ मार्च को सोने का अप्रैल अनुबंध 1,704 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि इस साल का सबसे ऊंचा स्तर है जहां से भाव टूटकर शुक्रवार को 1,504 डॉलर प्रति औंस तक गिरा.

55 हजार रुपये तक पहुंचेगा सोना!

जानकारों के मुताबिक अभी कुछ महीनों तक सोना 41 से 45 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच टिक सकता है, लेकिन अगले दो साल में य​ह 55 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच सकता है, यानी दो साल में इसमें 25 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.

जब शेयर बाजार में तबाही दिखती है तो सोना और चमक जाता है. 2008 की ग्लोबल मंदी के दौरान भी सोने में अच्छी तेजी देखी गई थी. पिछले करीब एक साल में भी सोने में 12 फीसदी के आसपास का रिटर्न मिला है.

क्या करें निवेशक

जानकारों का कहना है कि आपके पोर्टफोलियो में कम से कम 20 फीसदी गोल्ड जरूर होना चाहिए. चाहे वह किसी भी रूप में हो गोल्ड क्वाइन, ईटीएफ या बॉन्ड के रूप में. अगर आपके पोर्टफोलियो में सोना कम है तो आप गिरावट के इस दौर में खरीदारी कर अपने पोर्टफोलियो में इसका अनुपात बढ़ा सकते हैं. लेकिन अगर सोना 44-45 हजार रुपये तक आता है तो आप कुछ गोल्ड बेचकर शेयर खरीद सकते हैं और इस तरह से अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं.

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