बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखे जाने को बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दिखावा करार दिया है. कहा कि केंद्र जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बैठकों के लिए बुलाती है तो वह क्यों नहीं जातीं? वह सिर्फ दिखावे के लिए केंद्र को चिट्ठी भेजती हैं. वह केंद्र की बैठकों में इस डर से नहीं जातीं क्योंकि उनसे हिसाब मांगा जाएगा. चिट्ठी भेजकर वह अपना प्रचार करना चाहती हैं.'
सुरक्षा को लेकर जारी फंड खर्च ही नहीं हुआ
घोष ने आगे कहा कि 'केंद्र सरकार किसी को उसके अधिकारों से वंचित नहीं रखती. केंद्र ने विभिन्न योजनाओं के लिए काफी फंड मुहैया कराया है. रुपये इस्तेमाल नहीं होने के कारण वापस हो जाते हैं। सुरक्षा को लेकर जारी फंड खर्च ही नहीं हुआ है. उपलब्ध फंड को पहले आप (ममता) खर्च करें और उसका हिसाब दें. केंद्र सरकार रुपये देने के लिए बैठी हुई है।' घोष ने ये बातें रविवार को हावड़ा के गोलमोहर मैदान में 'चाय पर चर्चा' पर कही. उनके इस औचक दौरे को हावड़ा में निकाय चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
चुनाव आयोग से उम्मीद
शुक्रवार को कोलकाता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर चुनाव आयोग निकाय चुनाव में नियमों का पालन नहीं करेगा तो मजबूर होकर भाजपा को कोर्ट की ओर रुख करना पड़ेगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग ऐसा कुछ कदम नहीं उठाएगा जिसके चलते भाजपा को कोर्ट जाना पड़े. गुरुवार को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर निकाय चुनाव की तिथि बढ़ाने की मांग की थी. राज्य सरकार ने अप्रैल के मध्य में निकाय चुनाव कराने के संकेत दिये हैं। फिलहाल राज्य में माध्यमिक परीक्षा चल रही है. परीक्षा 27 फरवरी को समाप्त होगी. बोर्ड परीक्षाओं के कारण लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध है.