सरकार खत्म कर देगी टैक्स पर मिलने वाली सारी रियायतें, वित्त मंत्री ने दिए संकेत


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट में नई कर व्यवस्था का ऐलान किया. केंद्र सरकार ने कर व्यवस्था को सरल बनाने के मकसद से नई कर व्यवस्था में टैक्स की दरें घटा दी हैं लेकिन पहले मिलने वालीं तमाम छूटों और रियायतों को खत्म कर दिया है. फिलहाल, नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था दोनों से कर अदायगी का विकल्प खुला रखा गया है लेकिन सरकार ने ये संकेत दे दिए हैं कि आने वाले वक्त में करदाताओं को मिलने वालीं सभी तरह की रियायतें खत्म कर दी जाएंगी.

रियायतें चाहिए तो पुरानी दरों से भरें टैक्स

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में आयकरदाताओं के पास पुराने और नए टैक्स स्लैब दोनों ही दरों से कर अदायगी का विकल्प रहेगा. अगर कोई नए टैक्स स्लैब से टैक्स भरना चाहता है तो फिर उसे रियायतें छोड़नी होंगी. जबकि जो लोग पुरानी रियायतों का फायदा उठाना चाहते हैं, वे पुरानी टैक्स दरों से इनकम टैक्स भर सकते हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, टैक्स की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई रियायतों को खत्म करने का फैसला किया गया है. तमाम डिडक्शन्स या रियायतों की वजह से आम आदमी समेत प्रशासनिक अधिकारियों को भी माथापच्ची करनी पड़ती थी, लेकिन नए टैक्स स्लैब में टैक्स भरना बेहद आसान होगा.

कर सुधार के तहत खत्म कर दी जाएंगी सारी रियायतें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि आने वाले वक्त में सरकार ऐसी टैक्स व्यवस्था की तरफ बढ़ेगी जिसमें किसी भी तरह की टैक्स रियायतें नहीं होंगी. सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वर्तमान में भले ही आयकरदाताओं के पास दो-दो विकल्प मौजूद हैं लेकिन भविष्य में सरकार रियायतों के साथ पुराने स्लैब से टैक्स भरने के विकल्प को खत्म कर देगी.


अभी मिलती हैं सौ से ज्यादा रियायतें

वर्तमान में सरकार कुल मिलाकर सौ से ज्यादा रियायतें देती हैं. लेकिन नई टैक्स स्लैब का लाभ लेने पर आपको टैक्स में मिलने वाली करीब 70 रियायतों को छोड़ना पड़ेगा. इसमें यात्रा भत्ता (एलटीए), मकान का किराया (एचआरए), मनोरंजन भत्ता, सैलरीड क्लास को मिलने वाली 50,000 रुपये तक का स्टैडंर्ड डिडक्शन भी शामिल है. विश्लेषकों का कहना है कि नए टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 24 के तहत मिलने वाले रियायतें भी खत्म कर दी जाएंगी. आसान शब्दों में कहें तो 80C के तहत मिलने वाले LIC, PPF, NSC, यूलिप, ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड ELSS, पेंशन फंड, होम लोन, बैंकों में टर्म डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस में 5 साल के डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके जो टैक्स छूट का फायदा लेते थे, वह नई टैक्स दरों पर नहीं मिलेगी. इसके अलावा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स छूट छोड़नी होगी.

कौन सी रियायतें अभी मिलती रहेंगी?

नई टैक्स व्यवस्था में फिलहाल ये गिनी-चुनी रियायतें मिलती रहेंगी जैसे- डेथ-कम रिटायरमेंट बेनेफिट, पेंशन, रिटायरमेंट पर छुट्टियों के बदले कैश, 5 लाख रुपये तक वीआरएस अमाउंट, ईपीएफ फंड, शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप पर मिली धनराशि, सार्वजनिक हित में किए गए किसी कार्य के लिए सम्मान के तौर पर मिली धनराशि. राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के तहत छोटी अवधि वाली निकासी और मैच्योरिटी अमाउंट.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार सारी रियायतों को खत्म कर देती है तो बचत करने की प्रवृत्ति को भी झटका लगेगा क्योंकि तमाम लोग टैक्स सेविंग के लिए ही बचत और निवेश में पैसा लगाते हैं.
Previous Post Next Post