बच्‍चे के पेट से निकला बच्‍चा तो हैरान रह गए लोग, लाखों में एक मिलता ऐसा मामला


बिहार के बक्‍सर निवासी मो. मोइनुद्दीन के साढ़े छह महीने के बेटे के पेट में साढ़े आठ महीने का भ्रूण (Fetus) पल रहा था. पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (PMCH) के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर उसे निकालकर बच्‍चे को जीवनदान दिया है. चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) की नजर में पांच-छह लाख शिशुओं में से किसी एक में ऐसा मामला मिलता है. इसकी जानकारी जिसे भी मिल रही, हैरत में पड़ जा रहा है.

पीएमसीएच में पकड़ में आया मामला

बक्सर जिले के निवासी मो. मोइनुद्दीन (Md. Moinuddin) के साढ़े छह महीने के शिशु मो. इरफान (Md. Irfan) के पेट में भ्रूण पल रहा था. जन्म के कुछ दिन के बाद से ही उसका पेट लगातार बढ़ रहा था, लेकिन शरीर के अन्य अंगों का विकास नहीं हो रहा था. इसके बाद स्वजनों ने उसे पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) में दिखाया, लेकिन समस्‍या बरकरार रही. बीते 20 जनवरी को स्‍वजनों ने जब उसे पीएमसीएच में दिखाया तो मामला पकड़ में आया.

बच्‍चे के पेट के निचले हिस्से में पड़ा था बच्‍चा

बच्चे को पीएमसीएच के शिशु सर्जरी विभाग में डॉ. अमरेंद्र कुमार की यूनिट में भर्ती कराया गया. सीटी स्कैन (CT Scan) में बच्‍चे के पेट में बच्‍चे की आशंका जताई गई. बुधवार को शिशु सर्जरी विभाग ((Pediatric Surgery Department) के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर डेढ़ किलो के उस भ्रूण को निकाला. डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि भ्रूण ने हाथ, पैर व सिर ने आकार ले लिया था. यह शिशु के पेट के निचले हिस्से में पड़ा था.

पांच-छह लाख में मिलता ऐसा एक मामला

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निगम प्रकाश नारायण ने बताया कि ऐसा मामला दुर्लभतम (Rarest of Rare) होता है. लगभग पांच-छह लाख में एक मामला सामने आता है। जुड़वा बच्चे के मामले में ऐसा होता है. कभी-कभी जुड़वा शिशु ही अपने शरीर में भ्रूण को रख लेता है, जो सालों बाद विकसित होता है.

Previous Post Next Post