बिहार की आर्थिक रिपोर्ट, लगातार तीन साल से देश के विकास दर से बेहतर


बिहार विधानसभा में उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर होती जा रही है. पिछले तीन वर्ष से लगातार आर्थिक विकास की दर देश के विकास दर से बेहतर है.

बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण

2018-19 में बिहार की अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी दर स्थिर मूल्य पर 10.3 फीसदी और वर्तमान मूल्य पर 15.01 फीसदी रही. सर्वेक्षण रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले तीन वर्षों में संपूर्ण देश की अपेक्षा बिहार की अर्थव्यवस्था में तेज बढ़ोतरी दर्ज हुई है. इस बार के आर्थिक बजट में पहली बार पर्यावरण और ई-गवर्नेंस जैसे दो नए अध्याय जोड़े गए हैं.

राज्य के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार विधानसभा में कहा कि 2018-19 में बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 10.3 फीसदी और वर्तमान मूल्य पर 15.01 फीसदी रही. इस वित्तीय वर्ष में वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 5,57,490 करोड़ रुपये और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 3,94,350 करोड़ रुपये रहा.

वहीं, 2018-19 में राज्य में निवल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 5,13,881 करोड़ रुपये और स्थिर मूल्य पर 3,59,030 करोड़ रुपये रहा.

प्रति व्यक्ति आय में इजाफा

इस वर्ष प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 47641 रुपये और स्थिर मूल्य पर 33629 रुपये रहा है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2018-19 में अर्थव्यवस्था में मुख्य क्षेत्रों की बढ़ोतरी दरें दो अंकों में रही हैं, जिससे राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था के वास्तविक विकास में इसका बड़ा योगदान रहा है.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि वायु परिवहन में विकास दर जहां 36 फीसदी रही, वहीं अन्य सेवाओं में विकास दर 20 फीसदी, व्यापार में 17 फीसदी और वित्तीय सेवाओं की विकास दर 13.8 फीसदी रही. दावा किया गया है कि राज्य में आने वाले वर्षों में उच्च विकास दर दर्ज करने में मदद मिलेगी.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2018-19 में बिहार में राजकीय वित्त व्यवस्था के प्रबंधन में राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम का पालन किया गया है.

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