Vasant Panchmi 2020: बिहार में धूमधाम से हो रही सरस्वती पूजा; सुरक्षा कड़ी, 175 साल बाद विशेष संयोग


बिहार में गुरुवार को वसंत पंचमी की धूम है. मां सरस्वती की पूजा-अर्चना को लेकर शहर से लेकर गांव तक उत्सव का माहौल है. स्कूल-कॉलेजों व अन्‍य विभिन्न शिक्षण संस्थाओं से लेकर गली-मोहल्‍लों तक मां की प्रतिमा स्‍थापित कर पूजा की जा रही है. विद्वानों के अनुसार इस साल वसंत पंचमी पर दोपहर 1.30 बजे से सर्वार्थ सिद्धि का जो योग बन रहा है, वैसा संयोग 175 साल बाद आया है. सरस्वती पूजा पर प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं. हुड़दंगियों पर खास नजर रखी जा रही है.

175 साल के बाद बना विशेष शुभ संयोग

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि गुरुवार को दिन में 1.20 बजे तक है. पटना के पंडित आशुतोष ओझा उर्फ शुभम ओझा ने बताया कि वसंत पंचमी पर पूजा सूर्योदय के समय प्रात:काल में ही की जाती है. गुरुवार को सूर्योदय के समय से ही पंचमी तिथि है. इस साल 175 साल बाद ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति खास बन रही है. इस बार तीन ग्रह खुद की ही राशि में हैं. मंगल वृश्चिक में, वृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में हैं. शुक्र भी मित्र राशि कुंभ में तथा राहु-केतु भी मित्र राशि में हैं. ग्रहों का ऐसा योग 175 साल पहले 1845 में बना था. सर्वार्थ सिद्धि योग होने के कारण इस साल सरस्‍वती पूजा विशेष शुभ मानी जा रही है.

आज शुरू करें नई विद्या सीखने का काम

वसंत पंचमी शिक्षा से संबंधित काम करने वालों तथा विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्‍वपूर्ण है. विद्यार्थियों के लिए नई विद्या सीखना शुरू करने के लिए यह दिन शुभ है. पंडित राजकुमार शर्मा कहते हैं कि वसंत पंचमी के दिन नई विद्या सीखना शुरू करने से ज्ञान जल्‍दी व आसानी से मिलता है.

सरस्‍वती प्रसन्‍न तो लक्ष्‍मी का भी आशीर्वाद

पंडित आशुतोष ओझा बताते हैं कि जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, तब आद्यशक्ति ने खुद को पांच भागों में बांटा था. ये पांच भाग हैं- राधा, सावित्रि, पद्मा, दुर्गा तथा सरस्वती। ये शक्तियां भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न अंगों से प्रकट हुईं थीं. मां सरस्‍वती उनके कंठ से प्रकट होने वाली देवी थीं। देवी भागवत और ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार हमारे ऋषियों ने मां सरस्वती को प्रसन्न किया था. मां ने उन्‍हें को वाक्सिद्धि प्रदान की, जिसकी वजह से उन्‍होंने कई ग्रंथों की रचना की. सरस्वती विद्या की देवी हैं। विद्या सभी प्रकार के धनों में श्रेष्ठ मानी जाती है. जिसपर मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं, उसे महालक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है.

देर रात तक हुई तैयारी, चलती रही खरीदारी

सरस्‍वती पूजा को लेकर बुधवार देर रात तक तैयारियां चलती रहीं. इसे लेकर बाजार भी खुले रहे. देर रात तक पूजा पंडालों की सजावट भी की जाती रही। पूजा को लेकर खासकर फल व फूल के दाम चढ़े रहे.

प्रशासन भी सरस्वती पूजा को लेकर अलर्ट है. पूरे राज्‍य में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूजा और विसर्जन के दौरान यातायात व्यवस्था में व्यवधान नहीं आए, इसपर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है. जगह-जगह चिह्नित स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. खुफिया सूचनाओं के आधार पर पूजा से लेकर विसर्जन और संदिग्ध स्थलों तक पर पुलिस की नजर है। हुड़दंगियों की पहचान कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

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