देश के प्रख्यात निवेशक राकेश झुनझुनवाला को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने समन भेजा है. सेबी ने उन पर 'इनसाइडर ट्रेडिंग' जैसा गंभीर आरोप लगाया है.
असल में राकेश के परिवार की एजुकेशन कंपनी एपटेक लिमिटेड में हिस्सेदारी है. इसी कंपनी के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग यानी भेदिया कारोबार का झुनझुनवाला पर आरोप लगा है.
अभी तक राकेश झुनझुनवाला का इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. इस खबर के आने के बाद मंगलवार को Aptech करीब 4 फीसदी टूट गया और इसका कारोबार करीब 166 रुपये पर हो रहा है.
क्या होता है भेदिया कारोबार
इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार शेयर बाजार में ट्रेडिंग का ऐसा अवैध तरीका है जिसके तहत कंपनी से जुड़ा कोई व्यक्ति अपनी कंपनी के बारे में गोपनीय जानकारी हासिल कर उसका फायदा उठाता है और उसके आधार पर शेयरों की खरीद-फरोख्त कर लाभ कमाता है.
बिजनेस अखबार मिंट के मुताबिक सेबी इस मामले में झुनझुनवाला के परिवार की भूमिका भी जांच कर रहा है. इसमें उनके भाई राजेश कुमार झुनझुनवाला और पत्नी रेखा झुनझुनवाला शामिल हैं. सेबी ने कंपनी के बोर्ड में शामिल सदस्यों रमेश एस. दमानी और डायरेक्टर मधु जयकुमार से भी इस जांच में सहयोग करने को कहा है.
इस मामले में सेबी एक्ट की धारा II C(5)के तहत कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत सेबी को किसी व्यक्ति को समन भेजने का अधिकार होता है.
यह मामला फरवरी 2016 से सितंबर 2016 के बीच का है जब कथित रूप से कंपनी के बारे में गोपनीय जानकारी हासिल कर झुनझुनवाला ने 'अनियमित ट्रेडिंग' की थी. खबर के अनुसार, एपटेक के शेयरों में 7 सितंबर, 2016 को 175.05 रुपये का अपर सर्किट लग गया था. इस दिन राकेश के भाई और उनकी पत्नी ने ब्लॉक डील के माध्यम से कंपनी में 7,63,057 शेयरों की खरीद की थी.
फिलहाल राकेश झुनझुनवाला की Aptech में 24.24 फीसदी हिस्सेदारी है जिसका वैल्यूएशन 160 करोड़ रुपये है. उन्होंने सबसे पहले साल 2005 में एप्टेक में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो का प्रबंधन रेयर एंटरप्राइजेज द्वारा किया जाता है, जिसमें वह पार्टनर भी हैं.
उन्होंने कुल 24 शेयरों में निवेश किया और उनके पोर्टफोलियो का वैल्यू 18,000 करोड़ रुपये है. इनमें टाइटन, ल्यूपिन और क्रिसिल जैसी कंपनियां प्रमुख हैं.