कांग्रेस ने उठाई मोदी सरकार पर उंगली, पूछा- प्रियंका गांधी की जासूसी किसने कराई?


व्हाट्सएप जासूसी कांड को लेकर रविवार को कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सएप की ओर से स्पाईवेयर से जुड़ा एक मैसेज मिला है. सुरजेवाला ने कहा कि जो फोन हैक किए गए, जब उन पर व्हाट्सऐप ने मैसेज भेजा तो ऐसा ही मैसेज प्रियंका गांधी को भी मिला. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और मामले पर सख्त एक्शन लेना चाहिए.

उन्होंने कहा कि एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फोन हैक किए गए.  उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि क्या सरकार विपक्ष पर नजर रख रही है या उसे राजनीतिक जानकारियां चाहिए. यह एक अपराध है. सुरजेवाला ने कहा, बीजेपी सरकार और उसकी एजेंसियों ने इजरायल की एनएसओ का एक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करके राजनेताओं, संपादकों, एक्टिविस्ट्स, पत्रकारों, शिक्षाविदों के फोन हैक किए.

बीजेपी को भारतीय जासूस पार्टी करार देते हुए उन्होंने कहा, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पिगेसेस स्पाइवेयर के जरिए फोन टैप किए गए और सरकार को इसकी जानकारी थी.  सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को मई 2019 से इसकी जानकारी थी. सूत्रों के मुताबिक, व्हाट्सऐप ने सरकार को सितंबर में बताया था कि 121 भारतीयों को इजरायली सॉफ्टवेयर पिगेसस से निशाना बनाया गया. लेकिन सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि मैसेजिंग ऐप से पहले जो जानकारी मिली थी, वह अधूरी और अपर्याप्त है.

कांग्रेस ने दागे 5 सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार पर 5 सवाल दागे.

- क्या सरकार 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान नागरिकों और राजनेताओं की जासूसी करा रही थी?

क्या सरकार को मई 2019 से अवैध स्पाईवेयर की जानकारी थी?

क्या जो लोग सत्ता में बैठे हैं वे इस अपराध के दोषी नहीं?

जब सरकार को इसके बारे में अप्रैल 2019 में जानकारी थी तो इसे सीक्रेट क्यों रखा गया?

जिन मंत्रियों और अफसरों ने टेलीग्राफ एक्ट और आईटी एक्ट के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा?

बीजेपी ने दिया यह जवाब

कांग्रेस के जासूसी के आरोपों को बीजेपी ने बेबुनियाद बताया है. बीजेपी के मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, क्या हमने कांग्रेस की ऐसी कोरी कल्पनाएं नहीं देखीं जो हैं ही नहीं. याद करिए कि जब एक ग्रीन लाइट राहुल गांधी के चेहरे पर थी तो उन्होंने कहा था कि उनकी जिंदगी खतरे में है. खैर यह उनके नेताओं की सार्वजनिक जीवन में क्रेडिबिलिटी है.
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