थानाध्यक्ष की अजीबोगरीब नसीहत-जहां डेंगू मच्छर ने काटा, वहीं केस दर्ज कराइए ना..


बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (PMCH) पर डेंगू से हुई मौत के बाद मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से डेंगू की मरीज अर्चना कुमारी की मौत हो गई. असपताल ने डेंगू की पुष्टि नहीं की, वहीं निजी अस्पताल ने डेंगू से मौत का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है.

वहीं परिजनों का आरोप है कि इस मामले में जब एफआईआर दर्ज करवाने गए तो थानाध्यक्ष ने बेतुकी नसीहत देते हुए कहा कि जहां डेंगू  मच्छर ने जहां काटा है उसी थाने में जाकर केस दर्ज करवाईए.

दरअसल, परिजनों का आरोप है कि पीएमसीएच की जांच रिपोर्ट में डेंगू नन-रिएक्टिव निकला, जबकि पटना के एक निजी अस्पताल ने अर्चना की मौत का कारण डेंगू बताया है. इसी आधार पर वे पीएमसीएच के साथ अन्य संबंधित पक्षों पर केस दर्ज करवाना चाहते थे, लेकिन थानाध्यक्ष की नसीहत से सबको हैरानी हुई. 

परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच पीरबहोर थाना क्षेत्र में आता है इसलिए परिजन यहीं केस दर्ज करवाना चाहते थे. वे चाहते हैं कि इसमें स्वास्थ्य विभाग के मंत्री, प्रधान सचिव और पीएमसीएच के अधीक्षक को आरोपी बनाया जाए. लेकिन, परिजनों का आरोप है कि थानाध्यक्ष रिजवान अहमद ने सीमा का हवाला देते हुए केस दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एसएसपी से भी गुहार लगाई है, लेकिन केस दर्ज नहीं हो सका है.

बता दें कि कंकड़बाग के अशोक नगर की रहने वाली अर्चना कुमारी को बुखार लगने के बाद परिजनों ने पिछले 10 अक्टूबर को पीएमसीएच में भर्ती कराया था. यहां जांच में डेंगू नन-रिएक्टिव निकला। इसके बावजूद अर्चना की हालत लगातार खराब होती चली गई. 

जब हालत बिगड़ गई तो 13 अक्टूबर को परिजनों ने कंकड़बाग स्थित एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया। यहां जांच में डेंगू पॉजिटिव निकला। हालांकि उसका इलाज किया गया, बावजूद इसके मरीज की स्थिति बिगड़ गई थी जिससे 16 अक्टूबर को अर्चना की मौत हो गई।

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