अगर आप डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो बिल्कुल भी देर मत कीजिए और तुरंत उसे कर डालिए. ऐसा इसलिए कि सरकार हर तिमाही में इन योजनाओं की ब्याज दर की समीक्षा करती है और जल्द ही इन बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर पर फैसला कर सकती है. नई दरों की घोषणा जल्द ही हो सकती है. आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के बाद बैंकों के दरों में कमी को देखकर तो इसी बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि डाकघरों की फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी), रेकरिंग डिपोजिट खातों और अन्य बचत योजनाओं पर ब्याज दर को घटाया जा सकता है. ऐसे में अगर आप डाकघरों में निवेश की योजना बना रहे हैं तो यकीन मानिए यह निवेश का सही वक्त है.
इससे पहले डाकघर की बचत योजनाओं की ब्याज दर में संशोधन एक जुलाई, 2019 को किया गया था. डाकघर अभी एक साल की अवधि की जमा पर 6.9 फीसद का ब्याज देता है. वहीं, दो और तीन साल की अवधि की जमा पर यह 7.7 फीसद की दर से ब्याज देता है. वहीं विभिन्न अवधि की विभिन्न जमा योजनाओं पर डाकघर स्टेट बैंक से भी अधिक ब्याज देता है. उदाहरण के लिए एक साल से कम अवधि की जमा पर एसबीआई 5.8 फीसद का ब्याज देता है. वहीं एक से दो साल की एफडी पर 6.5 फीसद और दो से दस साल के टर्म डिपोजिट पर 6.25 फीसद का ब्याजदेता है.
उल्लेखनीय है कि जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और अन्य छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज की दर में 0.10 फीसद की कटौती की घोषणा हो चुकी है.