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परेशान चल रही अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड के भारतीय कारोबार को महिंद्रा ऐंड महिंद्रा खरीद सकती है. दोनों के बीच जल्दी ही इसके लिए एक समझौते पर दस्तखत हो सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
खबर के अनुसार दोनों कंपनियां मिलकर एक संयुक्त उद्यम बनाएंगी जिसमें 51 फीसदी हिस्सा महिंद्रा के पास और 49 फीसदी हिस्सा फोर्ड के पास रहेगा. समझौते के मुताबिक फोर्ड अपने ज्यादातर एसेट और कर्मचारी नई कंपनी को सौंप देगी, लेकिन गुजरात के साणंद का इंजन प्लांट फोर्ड अपने पास ही रखेगी.
समझौते के मुताबिक फोर्ड के चेन्नई और साणंद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को नए ज्वाइंट वेंचर को सौंपा जा सकता है. इन दोनों प्लांट की संयुक्त रूप सालाना 4.40 लाख वाहनों के उत्पादन की क्षमता है. इस ज्वाइंट वेंचर के द्वारा फोर्ड ब्रांड नाम से कारें बन सकती हैं और इनकी बिक्री भारत के अलावा दूसरे देशों में भी की जाएगी.
फोर्ड और महिंद्रा के प्रवक्ता ने अभी इस करार पर कोई भी जानकारी देने से इंकार किया है, लेकिन फोर्ड ने यह स्वीकार किया है कि वह महिंद्रा के साथ मिलकर 'रणनीतिक सहयोग विकसित करने की कोशिश कर रही है ताकि कॉमर्शियल और मैन्युफैक्चरिंग सक्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है.'
गौरतलब है कि भारत में फोर्ड का कारोबार अच्छा नहीं चल रहा और काफी समय से यह चर्चा चल रही है कि फोर्ड भारत में अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही है. हालांकि, फोर्ड ने अपना कारोबार यहां पूरी तरह से बंद करने की जगह संयुक्त उद्यम के द्वारा भारतीय कारोबार में बने रहने का निर्णय लिया है.