केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 15 वरिष्ठ रैंक के अधिकारीयों को भ्रष्टाचार के मामले में जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) कर दिया है. इन सभी पर भ्रष्टाचार के अलावा कई अन्य मामले भी थे. रिटायर किए गए सभी 15 अधिकारी सीबीआई की गिरफ्त में भी आए थे. इनमें आयकर आयुक्त (सीआईटी), सीआईटी, जूनियर सीआईटी, सीआईटी आयुक्त का पद संभाले अधिकारी शामिल थे.
Central Board of Direct Taxes: CBDT compulsorily retired yet another 15 very senior officers of rank of Prinicipal Commissioner of Income Tax (CIT), CIT, Junior CIT, Addl. CIT, Assistant CIT, today, due to corruption and other charges and CBI traps. pic.twitter.com/N8Ik3pVAND— ANI (@ANI) September 27, 2019
बता दें कि इस साल जून महीने में भी हाई रैंक वाले भारतीय राजस्व सेवा के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था. इनमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के 12 अधिकारी शामिल थे. सभी का नाम भ्रष्टाचार में शामिल था. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में भी टैक्स अधिकारियों की ओर से उत्पीड़न करने पर चिंता जताई थी.
गौरतलब है कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स रिटर्न और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2019 कर दी है. आम करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 30 जुलाई होती है. पार्टनरशिप फर्म, को-ऑपरेटिव सोसायटीज, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां और ऐसे उद्यम जिनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है, यह समयसीमा उनके लिए बढ़ाई गई है.
जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत किया गया है उनमें से करीब आधे अधिकारियों को कथित तौर पर अवैध रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. इनमें से एक अधिकारी को तो 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया. एक अधिकारी के पास उसके ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति पाई गई.