हिंदी को बढ़ावा देने के लिए नासा ने की फंडिंग


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हिंदी को बढ़ावा देने वाले एक प्रोजेक्ट को वित्तीय मदद दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत भारत के कई ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के बारे में वीडियो बनाए गए हैं. वीडियो को इन स्थलों के निर्माण में प्रयुक्त विज्ञान व प्रौद्योगिकी से जुड़े पहलुओं को समझाने और हिंदी सिखाने की दृष्टि से तैयार किया गया है.

नासा ने हिंदी, अरबी, चीनी और अन्य भाषाओं की पढ़ाई को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से प्राथमिकता में रखते हुए बढ़ावा देने के लिए स्टारटॉक कार्यक्रम चलाया है. इसी के तहत न्यूजर्सी में एजुकेटर्स सोसायटी फॉर हेरिटेज ऑफ इंडिया के निदेशक वेद चौधरी को 90,000 डॉलर (करीब 63 लाख रुपये) का अनुदान दिया गया है. चौधरी की अगुआई में भारत के ऐतिहासिक स्थलों के वैज्ञानिक पहलू पर वीडियो तैयार किए गए हैं.

इनमें जयपुर स्थित आमेर का किला व हवा महल, दिल्ली स्थित लौह स्तंभ व कुतुब मीनार और बांदीकुई स्थित चांद बावड़ी जैसे विभिन्न स्थलों के निर्माण में अपनाई गई वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में बताया गया है. इस प्रोजेक्ट से प्रमुख खोजकर्ता के रूप में जुड़े आलोक कुमार ने कहा, 'हर वीडियो को विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मिडिल स्कूल से लेकर कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को समझाने के उद्देश्य से तैयार किया है. इनकी मदद से छात्रों को उन्नत हिंदी सीखने का मौका भी मिलेगा.'

स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत आलोक कुमार ने हिंदू विज्ञान, गणित और औषधि विज्ञान पर कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड का कहना है कि कुमार ने जिन स्थलों को चुना है, वहां विज्ञान के कई उच्च सिद्धांतों और तकनीकी जानकारियों का प्रयोग किया गया है.
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