वित्त मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा और पेंशन फंड के 8.65 फीसद के प्रस्तावित सालाना रिटर्न को कम किए जाने की मांग की है. मंत्रालय ने एक ज्ञापन में इसका कारण यह बताया है कि इस फंड के प्रदर्शन को देखते हुए यह रिटर्न वाजिब नहीं होगा.
हालांकि इस चर्चा की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्रालय की इस मांग का अधिक बड़ा कारण यह है कि फंड का रिटर्न अधिक रहेगा, तो बैंक कम ब्याज दर पर कर्ज नहीं दे पाएंगे और इससे अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर नहीं होगी. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक 12 जून की तिथि वाला यह ज्ञापन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मंजूरी के बाद जारी किया गया है.
श्रम मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले ‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन’ (ईपीएफओ) ने आम चुनाव से ठीक पहले 2018-19 के लिए 8.65 फीसद सालाना रिटर्न देने की घोषणा की थी. इससे पिछले वर्ष ईपीएफओ ने 8.55 फीसद का रिटर्न दिया था.
अधिकारियों ने कहा कि महंगाई करीब तीन फीसद है, इसलिए बचत करने वालों के लिए इपीएफओ का रिटर्न आकर्षक है. लेकिन इसके कारण बैंकों को भी अपनी जमा दर इपीएफओ की दर के समान रखना पड़ रहा है. यह भी डर है कि लोग बैंक के बदले इपीएफओ में अधिक निवेश करने लगें.