गोकुल मिशन के तहत देसी नस्ल की गाय के संरक्षण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. अगले पांच वर्षो में स्थानीय नस्लें भी विदेशी जैसी होंगी. केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी है.
प्रश्नकाल के दौरान रवींद्र श्याम शुक्ल (रवि किशन) के सवालों का जवाब देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि गायों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पशुपालन खेती से ज्यादा लाभकारी है.
उन्होंने कहा कि वंश जांच कार्यक्रम और देसी नस्ल के उच्च जेनेटिक मेरिट सांड की उत्पत्ति के लिए नस्ल चयन कार्यक्रम, भ्रूण हस्तांतरण तकनीक और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन लैब शुरू किए जा रहे हैं. बछड़े की जगह बछिया के जन्म के लिए भी सुविधा विकसित की जा रही है.