मुंबई: अपने कार्यकाल के विस्तार को लेकर अटकलों के बाजार को गर्म बनाए रखते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि वह इन अटकलों का मजा खराब करने की ‘बेरहमी’ नहीं करना चाहते। राजन का मौजूदा तीन साल का कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त हो रहा है। उन्हें उम्मीद थी कि आज यहां 2016-17 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद परंपरगत संवाददाता सम्मेलन में उनके सामने यह उनके कार्यकाल का सवाल जरूर दागा जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर अपना एक बयान तैयार कर के लाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘गंभीरता से कहूं तो, ऐसे मामलों में फैसला सरकार और मौजूदा अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद ही लिया जाता है। मुझे भरोसा है कि जबकि कोई खबर होगी तो आपको पता लग जाएगा।’’ दूसरे कार्यकाल के संबंध में अपने विचार का खुलासा करने से इनकार करते हुए राजन ने कहा कि इस मुद्दे पर ‘‘व्यक्तिगत रूप से मैं उन पत्रों के बारे में सोचता हूं कि वे क्या हैं जिनके बारे में कहा गया है कि उन्हें मैंने लिखे हैं।’’ ऐसी कई तरह की चर्चा हैं। कुछ में कहा जा रहा है कि राजन दूसरा कार्यकाल नहीं चाहते तो कुछ चर्चाएं ऐसी हैं कि उन्होंने नीति निर्माताओं को लिखा है कि इस मुद्दे पर उन्हें किसी राजनीति में न घसीटा जाए।
राजन ने कहा, ‘‘जहां तक चार सितंबर के बाद मेरे इस पद पर बने रहने का सवाल है तो प्रेस को अटकलबाजी में मजा आ रहा है, उसे खत्म करना मेरे लिए क्रूरता होगी।’’ उन्होंने कहा कि वह इस मामले में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली के ब्यानों की ओर इशारा कर सकते हैं। राजन के खिलाफ भाजपा सांसद सुब्रमणियम स्वामी के हमलों के बीच जेटली ने पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार में राजन पर व्यक्तिगत हमले की आलोचना करते हुए कहा था कि बहस मुद्दों और नीतियों पर होनी चाहिए न कि व्यक्तियों पर। प्रधानमंत्री मोदी ने अखबार वाल स्ट्रीट जनरल से भेंटवार्ता में कहा था, ‘यह एक प्रशासनिक विषय है और मुझे नहीं लगता कि यह मीडिया का मुद्दा हो सकता है। और यह मुद्दा सितंबर में आएगा, अभी नहीं।’'