बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष लेखकों और प्रकाशकों की हत्या के मामले में सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी रविवार को अपना रोष प्रकट करते हुए सड़कों पर उतर आए, हालांकि गहमंत्री ने इन हमलों को छिटपुट घटनाएं करार दिया है। इन हमलों की जिम्मेदारी अल-कायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट ने ली है।
धर्मनिरपेक्ष प्रकाशक फैसल अरेफिन दीपन (43) की ढाका में एक भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित उनके कार्यालय में शनिवार को हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद रविवार को प्रदर्शन हो रहे हैं। दिवंगत नास्तिक लेखक और ब्लॉगर अविजित रॉय के साथ काम करने वाले प्रकाशक अहमेदुर राशिद तुतुल, और अन्य ब्लॉगरों रणदीपम बसु (50) और तारीक रहीम (30) पर एक अन्य घटना में कल अज्ञात लोगों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया।
अपनी पहचान अंसार अल-इस्लाम बताने वाले समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। यह समूह अल कायदा इन इंडियन सबकंनटिनेंट (एक्यूआईएस) की बांग्लादेशी शाखा है। पिछले ढ़ाई वर्षों में बांग्लादेश में छह लेखकों और ब्लॉगरों की हत्या हुई है, जिनमें से पांच लोगों को इसी वर्ष जनवरी से अक्तूबर के बीच मारा गया है। मृतकों के परिजन और मित्रों का आरोप है कि पुलिस हत्यारों को न्याय के शिकंजे में लाने में असफल रही है।
गृहमंत्री असदुजमां कमाल ने कहा कि प्रकाशकों और ब्लॉगरों पर हो रहे हमले छिटपुट घटनाएं हैं। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिलकुल सही है। यह पूछने पर कि ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही है, कमाल ले कहा कि ऐसी छिटपुट घटनाएं दूसरे देशों में भी होती हैं।